रांची : किसान कलेश्वर महतो की आत्महत्या की घटना को लेकर मजिस्ट्रेट जांच की अनुशंसा की गयी है. आत्महत्या की सूचना मिलते ही राज्य के कृषि निदेशक राजीव कुमार, उपनिदेशक धीरेंद्र पांडेय और जिला कृषि पदाधिकारी घटनास्थल पहुंचे. बताया जा रहा है कि झारखंड में किसान आत्महत्या का मामला दुर्लभ घटना है. सरकार पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है, कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने मीडिया को बताया कि किसान आत्महत्या मामले की जांच मजिस्ट्रेट से कराये जाने की अनुशंसा की गयी है.
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने एसडीओ और डीएसपी को जांच के लिए कहा है. कृषि विभाग इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी से रिपोर्ट की मांग की गयी है. उनको पता करने के लिए कहा गया है कि क्या किसान पर ऋण वापसी का दबाव था. क्या उसकी खेत फसल बीमा योजना के तहत कवर किया गया था.
वैज्ञानिक ढंग से खेती करता था कालेश्वर
कलेश्वर का घर के सामने करीब 40-50 डिसमिल का खेत था. गांव के लोग बताते हैं कि इसी खेत पर पिछले साल उसने मिरची की खेती की थी. अच्छी ऊपज हुई थी. वहीं उसने टमाटर भी लगाया था. अभी वह खेत पूरी तरह बंजर था. वहां कुछ नहीं लगा हुआ था. इसी खेत के पास कलेश्वर ने आत्म हत्या की थी. उनकी पत्नी मनोरमा देवी, भाई बलेश्वर महतो से हमारे संवाददाता ने बातचीत की. गांव के कुछ लोगों ने कलेश्वर के बारे में बताया कि वह साधारण किसान नहीं थे, वैज्ञानिक तरीके से खेती करते थे और आसपास के किसान उनसे खेती का तरीका पूछने आते थे.उनकी फसल और खेती के तरीकों को रामकृष्ण मिशन जैसी संस्था ने भी पुरस्कार और सर्टिफिकेट से नवाजा था
