रांची. झारखंड के 1,13,138 गरीब परिवारों ने अपने राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी करायी है. इसमें एक जिले के अंदर पोर्टेबिलिटी कराने वाले परिवारों की संख्या 1,08,983 और दूसरे जिले में पोर्टेबिलिटी कराने वालों की संख्या 4,155 है. अब वे संबंधित जिले में डीलर के पास जाकर राशन प्राप्त कर सकते हैं. यह बदलाव वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना की वजह से संभव हुआ है. इससे पलायन करने वाले मजदूरों और अन्य जरूरतमंदों को बड़ी राहत मिली है. पहले लाभुकों को राशन केवल उसी जगह से मिलता था, जहां उनका कार्ड बना था. लेकिन अब इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट (एक ही जिले के भीतर) और इंटर-डिस्ट्रिक्ट (एक जिले से दूसरे जिले में) दोनों तरह की पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध है. राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट पीडीएस सिस्टम के तहत यह सुविधा लागू की गयी है. इससे उन परिवारों को राहत मिली है, जो काम की तलाश में अपने गांव या जिले से दूसरे इलाकों में चले जाते हैं. अब वे जहां भी रहेंगे, वहां अपने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाला राशन उठा सकेंगे. रोजगार, शिक्षा और बेहतर जीवन की तलाश में लोगों के पलायन के कारण यह सुविधा बेहद उपयोगी साबित हो रही है.
धनबाद में सबसे अधिक, सिमडेगा में सबसे कम पोर्टेबिलिटी
धनबाद जिले में सबसे अधिक गरीबों ने राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी करायी है. यहां राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी करने वाले लाभुकों की संख्या 14,030 है. राजधानी रांची में यह संख्या 9,471 है. वहीं सिमडेगा में सबसे कम 824 राशन कार्डधारियों ने पोर्टेबिलिटी करायी है.
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