27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

विश्व पर्यावरण दिवस: ‘पेड़ लगाने वाले चाचा’ के नाम से मशहूर हैं 83 साल के राम दयाल महतो, लगाते हैं फलदार पौधे

राम दयाल महतो काम करने की बदौलत काफी स्वस्थ हैं. वह घर का काम नहीं करते हैं. वह सुबह उठकर टांगी लेकर पौधों की देखभाल के लिए निकल जाते हैं. पौधों के बचाने के लिये रोजाना चार से पांच घंटे मेहनत करते हैं.

केदला (रामगढ़), वकील चौहान. रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत लईयो दक्षिणी पंचायत के गोसी बस्ती निवासी 83 वर्षीय राम दयाल महतो गोसी जाने वाली सड़कों के किनारे पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. इन्होंने करीब दो किलोमीटर तक गोसी बस्ती जाने वाले मार्ग के किनारे पांच साल में 80 आम के पौधे, 25 कटहल के पौधे व 300 महुआ के पौधे लगाये हैं. इनमें कई पौधे पेड़ का आकार ले रहे हैं. यही वजह है कि इन्हें गोसी सहित आसपास की बस्ती के लोग पेड़ लगाने वाले चाचा के नाम से जानते हैं.

10 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य

बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि हमारी सोच है कि गोसी बस्ती के आसपास इतना पेड़े लगा दें, ताकि आने वाले दिनों में नयी पीढ़ी के बच्चों को पर्यावरण की समस्या नहीं हो. हमारी मृत्यु हो जाने के बाद भी हमारा नाम क्षेत्र में अमर रहे. उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा लगाये गये सभी पौधे वन विभाग की जमीन पर हैं. आने वाले दिनों में परिवार के सदस्य इस पर दावा नहीं कर सकते. सड़क के किनारे फलदार पौधे लगाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि इस मार्ग से आने-जाने वाले राहगीरों को आने वाले दिनों में खाने के लिये फल मिल सके. गर्मी के दिनों में लोग पेड़ की छाया के नीचे बैठ कर आराम कर सकें. उन्होंने कहा कि वे दस हजार पेड़ लगाना चाहते हैं.

Also Read: विश्व पर्यावरण दिवस:CUJ में बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन पर विशेष वार्ता, डॉ रागिनी ने हेल्दी लाइफ के लिए दी ये सलाह

पौधों की करते हैं देखभाल

राम दयाल महतो काम करने की बदौलत काफी स्वस्थ हैं. वह घर का काम नहीं करते हैं. वह सुबह उठकर टांगी लेकर पौधों की देखभाल के लिए निकल जाते हैं. पौधों के बचाने के लिये रोजाना चार से पांच घंटे मेहनत करते हैं. जंगल से बांस काटकर पौधों का घेराव करते हैं, ताकि पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सके. शाम में गोसी बस्ती में फलदार पौधे को लेकर रोजना चक्कर लगाते हैं. किसी के घर के नाले सहित आसपास में आम व कटहल के पौधे देखते हैं, तो उसे अपने घर ले आते हैं. दूसरे दिन सड़क के किनारे जाकर लगा देते हैं. वे कहते हैं कि पेड़ पुत्र से कम नहीं होता है. फल के साथ-साथ छाया भी देता है.

Also Read: विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण का दिलाया संकल्प, क्या बोलीं मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें