रामगढ़. इंडोनेशिया के बाली में आयोजित चतुर्थ वैश्विक संस्कृत कांफ्रेंस में रामगढ़ कॉलेज की संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ प्रीति कमल ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया. सम्मेलन का मुख्य विषय समकालीन चुनौतियों के समाधान में वैदिक धर्म व भारतीय ज्ञान प्रणालियों की प्रासंगिकता था. डॉ प्रीति कमल ने कहा कि संस्कृत केवल प्राचीन भाषा नहीं, बल्कि ज्ञान, दर्शन व सार्वभौमिक मूल्यों का स्रोत है. यह अतीत व वर्तमान के बीच सेतु का कार्य करती है. बाली में आज भी संस्कृत पूजा-अर्चना में प्रयुक्त होती है. डॉ राजेश मिश्रा और प्रो डॉ मादे सुतामा ने कहा कि यह सम्मेलन संस्कृत के वैश्विक संरक्षण व विकास को सशक्त बनायेगा.
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