पतरातू. पीवीयूएनएल (एनटीपीसी) के पावर प्लांट के लिए गुरुवार को कोयला लदा पहला रैक प्लांट पहुंचा. 58 बोगी का रेलवे रैक शिवपुर साइडिंग टोरी से कोयला लेकर पहुंचा था. पतरातू यार्ड पहुंचने के बाद स्टेशन प्रबंधक एस सांगा, कृष्णा राम, टीआइ किशोर कुमार, संटमैन जितेंद्र कुमार, सीमांत कृष्ण सिन्हा, चालक केडी प्रसाद, सहायक चालक रंजन कुमा, चालक अनिल मिंज, सहायक चालक अभिषेक कुमार इसे लेकर सुबह 10:30 बजे प्लांट पहुंचे. पावर प्लांट के टिपलर के पास लोको को काट कर अलग किया गया, लेकिन टिपलर में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहने के कारण अनलोडिंग की टेस्टिंग नहीं हो सकी. फिलहाल लोड रैक प्लांट में ही खड़ा है. कंपनी के एजीएम नवदीप झा ने बताया कि अभी टेस्टिंग चल रही है. शिवपुर साइडिंग से कोयला मंगाया जा रहा है. प्रतिदिन प्लांट में 1200 टन कोयले की खपत होगी. उत्पादन 800 मेगावाट होगा. महीने में 36 हजार टन कोयले की जरूरत पड़ेगी. मालूम हो कि यहां झारखंड सरकार व एनटीपीसी की संयुक्त उपक्रम पीवीयूएनएल है. इसका ऑनलाइन शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को ऑनलाइन किया था. कुल 4000 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित होना है. पहले फेज में 2400 मेगावाट के पावर प्लांट का काम चल रहा है. इसमें 800 मेगावाट की एक यूनिट चालू हो गयी है. इसे ग्रिड से भी जोड़ृ दिया गया है. इस प्लांट में झारखंड सरकार का हिस्सा 74 प्रतिशत है. इस पावर प्लांट के पूरी तरह से अस्तित्व में आने के बाद झारखंड में बिजली संकट खत्म हो जायेगा. ढाई साल में तैयार हुई रेलवे लाइन : पीवीयूएनएल पावर प्लांट को रेल लाइन से जोड़ने का काम 2022 में शुरू हुआ था. लाइन बिछाने का काम करीब ढाई साल में पूरा हुआ. यह रेल लाइन काफी व्यस्त रहेगी. आनेवाले दिनों में जब 4000 मेगावाट का पूरा पावर प्लांट अस्तित्व में आ जायेगा, तो प्रतिदिन छह-सात रैक कोयले की यहां आवश्यकता पड़ेगी.
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