उरीमारी. सयाल डी परियोजना खुली खदान में हुए बड़े हादसे में कई मजदूर बाल-बाल बच गये. बुधवार की दोपहर खदान में ब्लास्टिंग करने की तैयारी चल रही थी. ब्लास्टिंग के लिए बनाये गये होल में बारूद डालने का काम किया जा रहा था. एक होल में बारूद भरने के बाद मजदूर आगे बढ़ कर दूसरे होल में बारूद भरते जा रहे थे. इसी दौरान एक होल में अचानक ब्लास्ट हो गया. संयोग रहा कि उस होल के आसपास कोई नहीं था. अन्यथा कई लोग विस्फोट की चपेट में आ सकते थे. यह बात स्थानीय ग्रामीणों को पता चलने के बाद दूसरे दिन गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे ग्रामीण खदान पहुंचे. रोड सेल संचालन समिति की अगुवाई में कोयला उत्पादन व ट्रांसपोर्टिंग कार्य को ठप करा दिया. करीब सात घंटे तक कामकाज बंद रहने के बाद जीएम अजय सिंह व पीओ एसएस सिंह ने ग्रामीणों से वार्ता की. वार्ता में जीएम ने इस घटना की जांच कराते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. समिति के सचिव अंबर कुमार व पूर्व मुखिया दयानंद प्रसाद ने कहा कि अक्सर खदान में बेसमय हेवी ब्लास्टिंग होने के कारण आसपास गांव के ग्रामीणों के घर में दरारें पड़ रही हैं. कई बार आंदोलन किया जा चुका है, लेकिन खदान में काम करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी बातों को नजरअंदाज कर बार-बार हेवी ब्लास्टिंग करती रहती है. जीएम ने इस मामले में प्रबंधन व ग्रामीणों की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराने का आश्वासन दिया. दोपहर करीब तीन बजे से खदान का कामकाज शुरू हुआ. आंदोलन में पिंकू कुमार, अरविंद गिरि, ललन प्रसाद, जनक प्रसाद, सोहन प्रसाद, सुमित कुमार, निरंजन प्रसाद, राजेश गुप्ता, छोटू साव, संजय कुमार, अमित कुमार, अखिलेश प्रसाद, सुरेश गिरि, हरिनारायण प्रसाद, अरविंद प्रसाद, जीतराम मुंडा, शशिकांत गुप्ता, संदीप कुमार, राजकुमार, तिलेश्वर साहू, बंधु करमाली, किशन कुमार, सूरज कुमार, अनूप बाउरी, पवन बाउरी, पवन साव शामिल थे.
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