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बच्चों की मौत से गांव में मातम
कुजू : बोंगावार मुसलिम टोला में रहनेवाले तीनों बच्चों की हुई मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जबकि गांव में मातम का माहौल है. गड्ढे में डूबने से बच्चों की हुई मौत की खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गयी. सूचना पाते ही लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. […]
कुजू : बोंगावार मुसलिम टोला में रहनेवाले तीनों बच्चों की हुई मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जबकि गांव में मातम का माहौल है. गड्ढे में डूबने से बच्चों की हुई मौत की खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गयी. सूचना पाते ही लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े.
आशिफ अंसारी की मौत की सूचना मिलते ही उसकी मां नसीबन खातून के क्रंदन व चित्कार से वहां माहौल गमगीन हो गया. वह अपने पुत्र का नाम ले-ले कर बार-बार बेहोश हो रही थी. वहीं इनाम अंसारी व मिसबाउल अंसारी की माता नफीसा खातून का भी रो-रो कर बुरा हाल था.
दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं परिजन: मृतक आशिफ अंसारी के पिता अयुब अंसारी तथा इनाम अंसारी और मिसबाउल अंसारी के पिता मिन्हाज अंसारी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. परिजनों के अनुसार गरीबी के बावजूद बच्चों के लालन-पालन में कोई कमी नहीं करते थे. स्कूल गये होते तो मेरे भाइयों की जान नहीं जाती : मृतक तीनों बच्चे राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोंगावार में पढ़ते थे.
जानकारी देते हुए इनाम अंसारी व मिसबाउल अंसारी की बड़ी बहन सबिया खातून व रोजिया खातून ने बताया कि पांच सितंबर को विद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था. इस समारोह में पैसे के अभाव में बच्चे विद्यालय नहीं गये थे. कुछ इसी कारण से मंगलवार को भी हम लोग विद्यालय नहीं गये. अगर हम लोग विद्यालय गये होते तो शायद मेरे भाईयों की मौत नहीं होती.
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