घाटोटांड़ : 19 ठेका मजदूरों को बिना पूर्व नोटिस के काम से हटाये जाने व उनका वेतन भुगतान पिछले 10 माह से नहीं किये जाने के खिलाफ ठेका मजदूरों ने आंदोलन के दूसरे दिन सीसीएल केदला बसंतपुर वाशरी का संपूर्ण काम ठप करा दिया . कोयला परिवहन कार्य तीन जून से ही था . स्थानीय पुलिस के पहल पर तीन जून की देर शाम वाशरी कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई. परंतु प्रबंधन द्वारा वेतन भुगतान सहित मजदूरों का वापस काम पर लेने का कोई ठोस आश्वासन नहीं दिये जाने के कारण वार्ता बे नतीजा रही .
इससे नाराज श्रमिक नेताओं ने पूर्व घोषणा के मुताबिक चार जून को सुबह से ही केदला वाशरी का संपूर्ण कार्य ठप करा दिया .सीसीएल कर्मी डयूटी पर आये, पर हाजिरी बना कर बैठे रहे. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के क्षेत्रीय सचिव बसंत कुमार ने स्पष्ट कहा कि स्थानीय प्रबंधन पिछले 10 माह से मजदूरों को बरगला रही है. प्रबंधन ने ही पूर्व में अपने सहूलियत के लिए वाशरी के 19 क्लिनिंग मजदूरों को चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा कर्मी के रूप में काम ले रही थी. परंतु भुगतान जब उनके वेतन भुगतान का मामला आया तो प्रबंधन टलावा दे रही है. जिसके कारण इन मजदूरों के समक्ष भुख मरी की स्थिति पैदा हो गई है.
वर्तमान प्रबंधन के सहमति से ही इन मजदूरों को पुन: पूर्व की भांति क्लिनिंग के काम में लगाया गया तो प्रबंधन मनमानी करते हुए बिना पूर्व सूचना के तीन जून से काम से हटा दिया गया .जबकि इन सभी का नाम फार्म बी में अंकित है तथा इनका हाजिरी फॉर्म डी हाजिरी रजिस्टर में बनता है. आंदोलन में मुख्य रूप से बसंत कुमार के अलावे फरहरी महतो , अशोक महतो , प्रयाग महतो , मुंशी महतो , राज कुमार सिंह, अजरुन कुमार महतो , नागो महतो , नरेश कुमार गंझु, लखन करमाली, अरूण कुमार , शत्रुधन महतो , ईश्वर महतो , दयाल महतो , दिनेश कुमार महतो , प्रेम लाल महतो , हीरा लाल महतो , लालदेव महतो , सुखदेव महतो, रमन महतो आदि शामिल हैं.