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मानव तस्करी के मामले में 10 वर्ष की सजा
रामगढ़ : व्यवहार न्यायालय एसटी नंबर 71/17 रामगढ़ थाना कांड संख्या 42/17 के मामले में एडीजे 1 के न्यायालय ने मानव तस्करी के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए मरार निवासी आसमा खातून व हरियाणा निवासी वीरा सिंह को दोषी करार दिया था. शुक्रवार को न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को सजा सुनायी. न्यायाधीश ने 10 […]
रामगढ़ : व्यवहार न्यायालय एसटी नंबर 71/17 रामगढ़ थाना कांड संख्या 42/17 के मामले में एडीजे 1 के न्यायालय ने मानव तस्करी के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए मरार निवासी आसमा खातून व हरियाणा निवासी वीरा सिंह को दोषी करार दिया था. शुक्रवार को न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को सजा सुनायी.
न्यायाधीश ने 10 वर्ष व आठ हजार रुपया जुर्माना आैर पांच वर्ष व आठ हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि में से 15 हजार रुपये पीड़िता को देने का निर्देश दिया गया. पीड़िता को मुआवजा देने के लिए डालसा को पत्र लिखने का भी निर्देश दिया गया. मामला रामगढ़ थाना क्षेत्र के मरार के मुंडा टोली का है.
19 फरवरी 2017 को मरार मुंडा टोली निवासी एक युवती को मरार निवासी आसमा खातून द्वारा नौकरी का प्रलोभन देकर हरियाणा ले जाया गया. यहां पर आसमा खातून ने उक्त युवती को हरियाणा निवासी वीरा सिंह को बेच दिया. जब इस मामले की जानकारी आस-पास के लोगों को मिली, तो लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी.
आसमा खातून को 54 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ व जांच में यह मामला प्रकाश में आया. पुलिस ने हरियाणा जाकर उक्त युवती को वीरा सिंह के घर से बरामद किया. इस मामले में न्यायालय में ग्यारह गवाहों की गवाही हुई. मामले के अनुसंधानकर्ता शकुंतला नाग ने न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत किये. सभी गवाहों को सुनने व प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों के आधार पर एडीजे प्रथम के न्यायालय ने आसमा खातून व वीरा सिंह को दोषी करार दिया था.
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