हर्ष. नीलांबर-पीतांबर विवि का तीसरा दीक्षांत समारोह, वित्त मंत्री ने कहा 16 साल में मात्र 158 छात्रों ने पीएचडी का रजिस्ट्रेशन 120 एनसीसी कैडेट संभाल रहे थे व्यवस्था फोटो 6 डालपीएच-18,11, 12, 13, 14,15, 17,19 प्रतिनिधि, मेदिनीनगर नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के तीसरा दीक्षांत समारोह सोमवार को संपन्न हो गया. मौके पर विशिष्ट अतिथि राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि पलामू सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ा हुआ है. यहां मात्र 16 प्रतिशत छात्र इंटर पास करके स्नातक में नामांकन ले पाते हैं. शिक्षा सिर्फ सैद्धांतिक नहीं व्यावहारिक भी होना चाहिए. छात्र यहां से उच्च शिक्षा की उपाधि लेकर निकल रहे हैं. कोई शोध करेंगे, कोई जीवन का अच्छा मार्ग ढूंढने की कोशिश करेंगे. सभी इंसान एक है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के 16 वर्ष हो गये, लेकिन मात्र 158 विद्यार्थियों ने यहां से पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जो चिंता का विषय है. पलामू में राजनीतिक चेतना बहुत है. इसे राजनीतिक राजधानी कहा जाता है. पलामू समाचारों का प्रमंडल है. उन्होंने कहा कि सतबरवा में जो भवन बना हुआ है. वहां पर टॉपर छात्र हैं. उसमें से 15 छात्रों को लिस्ट बनाकर वहां बहाल कर भेज देना चाहिए. ताकि वहां पठन-पाठन का कार्य शुरू हो सके. वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि विधानसभा व लोकसभा में जाना चाहिए. छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, तो वे सभी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं. इंजीनियर, डाक्टर बनना चाहते हैं. उन्हें विधानसभा व लोकसभा में भी चुनकर जाना चाहिए.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से फाइलों को घुमाकर मेरे पास भेजा जाता है. यदि जनप्रतिनिधि शिक्षित नही होंगे, तो उन्हें कार्यों को निबटारा करने में परेशानी होगी. मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रशासनिक व एकेडमिक भवन के घटिया निर्माण की शिकायत मिली थी. जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से शिकायत किया था. राजपाल ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर इसकी जांच करायी थी. उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा भी जांच की जा रही है. उसका भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. सफलता की कोई मंजिल नहीं होती है : वीडी राम पलामू सांसद वीडी राम ने कहा कि एक अध्याय समाप्त हो रहा है. दूसरा अध्याय शुरू हो रहा है. जिन छात्रों ने परिश्रम करके यह मेडल प्राप्त किया है. वह सराहनीय है. उन्होंने कहा कि यह देखकर अपने छात्र जीवन की याद आ रही है. जिंदगी हमेशा सीधी राह पर नहीं चलती है. सफलता की कोई मंजिल नहीं होती है. असफलता से कभी कुंठित नहीं होना चाहिए. जिज्ञासा बनी रहनी चाहिए. आजीवन सीखते रहना चाहिए. जीवन के हर क्षेत्र में कैरियर बनायें. साहसी बने और जोखिम उठायें. परिवर्तन अवश्य होगा. इस ज्ञान के मंदिर को और अधिक भव्य बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सत्र को नियमित किया जाना चाहिए. विद्यार्थी मेरिट के बल पर अलग पहचान स्थापित करें : कालीचरण सिंह चतरा सांसद कालीचरण सिंह ने कहा कि पलामू प्रमंडल में जो छात्र पढ़े हैं या पढ़ रहे हैं. वे जहां भी जाये. सबसे आगे रहें. विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें. उन्होंने कहा कि मैं भी एक शिक्षक रहा हूं. 40 वर्ष पूर्व शिक्षक नियुक्त हुआ था. लेकिन पांच साल काम करने के बाद उसे छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि सफलता का सोपान शोध पान होता है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी मेरिट के बल पर एक अलग पहचान स्थापित करें. शिक्षा का वातावरण बेहतर हैः इंदर सिंह नामधारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि पलामू में शिक्षा का वातावरण बेहतर हो रहा है. सतबरवा में स्थापित महाविद्यालय भवन मेरे परिवार ने बनाया है. लेकिन शिक्षक के अभाव में पठन- पाठन कार्य शुरू नहीं हो रहा है. विश्वविद्यालय को अपने देखरेख मेंं पढ़ाई संचालित कराना चाहिए. श्री नामधारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्थापना के बाद शैक्षणिक वातावरण में सुधार हो रहा है. गवर्नर ने दिया 57 गोल्ड मेडल सोमवार को दीक्षांत समारोह में गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने यूजी और पीजी के 57 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया. इसके साथ ही 143 पीजी व 679 यूजी के छात्रों को डिग्रियां दी गयी. शोध कार्यों को उच्च स्तर पर दी जा रही है प्राथमिकता : वीसी दीक्षांत समारोह के अवसर पर वीसी डॉ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ है. यह काफी खुशी की बात है. 17 जनवरी 2009 को इस विश्वविद्यालय की स्थापना नीलांबर पितांबर नाम पर हुई है. विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. समस्त विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि छह माह में 53 परीक्षाएं ली गयी. प्रत्येक महाविद्यालय में छात्र-छात्रों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाया गया है. महुआडांड कॉलेज के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का स्वागत संत जेवियर कॉलेज महुआडांड़ के विद्यार्थियों ने गीत प्रस्तुत कर किया. इस कालेज के स्नातक के 60 छात्र छात्राएं कार्यक्रम में भाग लिया.कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एमके जोश व शिक्षक शामिल हुए. विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय गान, सरस्वती वंदना और कुलगीत प्रस्तुत किया. दीक्षांत समारोह के दौरान 120 एनसीसी कैडेट पंडाल के अंदर व बाहर व्यवस्था संभाल रहे थे. जिसमें 72 लड़के व 48 लड़कियों को लगाया गया था. स्मारिका का किया गया विमोचन राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के आने पर सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उसके बाद उन्होंने केंद्रीय पुस्तकालय महर्षि विश्वामित्र पुस्तकालय का उद्घाटन किया. वहां उन्होंने पौधरोपण भी किया. वहां से वे वीसी विला गये. जिसके बाद शोभायात्रा में शामिल होकर मंच पर पहुंचे. सभी लोगों ने एक साथ खड़े होकर राष्ट्र गान गाया. जिसकी बाद दीप प्रज्वलित किया गया. सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.विश्वविद्यालय के वीसी ने राज्यपाल सह कुलाधिपति, मंंत्री, सांसद व अन्य अतिथियों को अंगवस्त्र व पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया. स्वागत के बाद स्मारिका का विमोचन किया गया. छात्र संघ ने किया बहिष्कार, आयोजन स्थल से निकले बाहर आधा दर्जन छात्रों को को लिया गया हिरासत में, शाम को छोड़ा गया विभिन्न छात्र संगठन के लोगों ने राज्यपाल के प्रोग्राम शुरू होने के बाद आयोजन स्थल पर नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गये. छात्रों ने कहा कि जानबूझकर विश्वविद्यालय के द्वारा सबसे पीछे छात्र संगठनों को बैठने के लिए जगह दिया गया था. छात्रों ने कहा कि मान सम्मान से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा. जब छात्रों के द्वारा नारेबाजी की जा रही थी. तब पुलिस के अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें किनारे ले जाकर खड़ा किया. वहीं करीब आधा दर्जन छात्रों को ऐतिहात के तौर पर विभिन्न जगहों से ले जाकर थाना में बैठाया गया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी लोगों को छोड़ दिया गया है. . कार्यक्रम में पलामू डीसी समीरा एस, एसपी रीष्मा रमेशन, डीडीसी जावेद अहमद, डीएफओ सत्यम कुमार, एसडीओ सुलोचना मीणा, डीआरडीए डायरेक्टर रतन कुमार सिंह, जिप उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, रजिस्ट्रार डा नफीस अहमद, सीसीडीसी डा मनोरमा सिंह, डीएसडब्ल्यू डा एसके पांडेय, केके मिश्रा सहित विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थीगण मौजूद थे.
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