पांकी. प्रखंड क्षेत्र के राजकीय बुनियादी विद्यालय परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. स्कूल परिसर में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई हैं. स्कूली बच्चों को सुबह टूटी बोतलों के कांच से गुजर का स्कूल जाना पड़ता है. साथ ही शिक्षा के मंदिर के आसपास शराब व बीयर की बोतलें, गुटका के पाउच, पान की पीक और सिगरेट बीड़ी के टुकड़े पड़े रहते हैं. हालत इतनी ज्यादा बदतर हो गयी है कि बच्चे स्कूल परिसर में बगैर जूते पहने एक कदम भी नहीं चल सकते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्कूल कैंपस में बीआरसी ऑफिस भी है अधिकारी आते -जाते हैं. अक्सर मुंह और नाक बंद कर ऑफिस में बैठते हैं, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. स्थानीय बुद्धिजीवियों के अनुसार यह नजारा न केवल शिक्षा के मंदिर को शर्मसार कर रहा है, बल्कि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है. वहीं पास के होटल से रोजाना गंदगी स्कूल के पास फेंकी जा रही है, जिससे बदबू और गंदगी का माहौल बना हुआ है. इस बदहाली पर शिक्षकों और बच्चों ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी है और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि यदि गंदगी से निजात नहीं मिली, तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है