हरिहरगंज. प्रखंड के कौवाखोह, नौडीहा कला, कोल्हुवाड़ा, पिरोजी, सरसोत, ललबरी, खड़गपुर आदि गांव के किसानों की स्ट्रॉबेरी की खेती से तकदीर बदल रही है. इन गांवों के किसानों ने पारंपरिक खेती से हट कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरुआत की. जगदीशपुर गांव के युवा किसान राजू मेहता स्नातक की पढ़ाई करने के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी की खेती कर लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. इससे क्षेत्र में उनकी कृषि कौशल की चर्चा हो रही है. वह खेती किसानी से विमुख हो रहे अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत साबित हो रहे हैं. उन्हाेंने बताया कि चार साल पहले उन्होंने प्रयोग के तौर पर एक कट्ठा में स्ट्रॉबेरी की खेती की थी. अच्छी फसल होने के बाद बड़े पैमाने पर इसकी खेती का विस्तार किया गया. लेकिन जमीन नहीं होने के कारण कूलहीया पंचायत के नौडीहा काला मौजा में लीज पर पांच एकड़ जमीन ली और स्ट्राबेरी की खेती की. इस कार्य में 30 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है. किसान राजू मेहता ने बताया कि सितंबर-अक्टूबर माह में स्ट्रॉबेरी के पौधा लगाया जाता है. एक एकड़ में 27 से 28 हजार पौधे लगते हैं. इसमें कुछ पौधे खराब भी हो जाते हैं. रोजाना हल्की सिंचाई व खाद की जरूरत होती है. प्रति एकड़ करीब 90 से 100 क्विंटल उत्पादन होता है. नवंबर माह से स्ट्रॉबेरी का फल निकलना शुरू होता है. स्ट्रॉबेरी को डिब्बों में पैक कर बनारस, पटना, कोलकाता व रांची जैसे बड़े शहरों में भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि इन शहरों में स्ट्रॉबेरी की काफी मांग है. उन्हें स्ट्रॉबेरी की खेती से अच्छी आमदनी हो जाती है. इस समय क्षेत्र में 50 एकड़ से अधिक भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती होती है. कृषक मित्र संघ के प्रखंड अध्यक्ष रामजनम मेहता ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है. राजू मेहता के अलावा युगेश कुमार, बीरेंद्र कुमार, दीपक मेहता, उपेंद्र मेहता, मुन्ना मेहता, राजीव रंजन, गोपाल मेहता, शुभम कुमार, ऋषि कुमार, छोटन कुमार, परमेश्वर कुमार, ओरेन्द्र कुमार आदि किसान इस खेती की ओर अग्रसर है.
उच्च मूल्य वाली फसल है स्ट्रॉबेरी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि स्ट्रॉबेरी एक उच्च मूल्य वाली व कम समय में तैयार होने वाली फसल है. हरिहरगंज में 50 एकड़ से अधिक भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती की गयी है. इसकी खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाने से स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर मिला है. इसका उपयोग आइस्क्रीम, केक, जेली, कैंडी और सौंदर्य प्रसाधन आदि में किया जाता है. इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है. यह बीपी नियंत्रित करता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है, वजन कम करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता, गठिया व कैंसर से बचाव करता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है