ग्रामीणों ने उपायुक्त को आवेदन देकर डैम का फाटक बंद कराने की मांग की प्रतिनिधि, सतबरवा पिछले एक महीने से मलय डैम का पानी बेवजह नदी में बहने के कारण सतबरवा के पासवान मुहल्ला नदी पार, बदलाया टोला, सेरंग दाग, एकता समेत कई गांव के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है .सतबरवा मुख्य बाजार आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा स्कूली छात्र-छात्राओं को झेलना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही से बेवजह खेतों में पहुंचने वाला पानी नदी में बह रहा है. जिससे सतबरवा मलय नदी पर सूर्य मंदिर के समीप बने पुलिया से दर्जनों गांव लोगों को इस सर्दी के मौसम में आने-जाने में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है. जबकि पानी बेवजह बर्बाद भी हो रहा है. बताया जाता है कि एक माह पूर्व मलय डैम के दुलसुलमा गांव के समीप चैन संख्या 18 टूट गया है जिसके कारण नहर के निचले हिस्से में किसानों के धान की खेत में खड़ी फसल बर्बाद हो चुके हैं किसानों ने मुआवजे की मांग की है. ग्रामीण मनोज कुमार ने बताया कि ठंड पानी के बहाव के कारण सतबरवा में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. आंदोलन की दी गयी है चेतावनी सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सिन्हा ने बीते 18 दिसंबर 25 को पलामू डीसी एस समीरा को आवेदन देकर नहर के चैन संख्या 18 ठीक करने ठीक करने तथा मलय डैम फाटक बंद करवाने का मांग किया है, ताकि किसानों को समय से पटवन के लिए पानी मिल सके. उन्होंने कहा है कि सिंचाई विभाग बेवजह डैम का पानी बर्बाद करने पर उतारू है. अगर विभाग का प्रयास होता तो फाटक कब ही बंद हो जाता. इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण करीब एक दशक बाद डैम में पानी स्पीलवे से ऊपर बह रहा था, जिसका मनोरम दृश्य देखने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आना जाना लगा रहता था. मलय डैम से तीन प्रखंड क्षेत्र क्रमशः सतबरवा, मेदिनीनगर सदर प्रखंड का पूर्वी क्षेत्र तथा लेस्लीगंज प्रखंड क्षेत्र के लगभग 105 गांव को पक्की नहर के माध्यम से पटवन के पानी मिलता है. आशीष सिन्हा ने बताया कि अगर विभाग पानी के बहने से रोकने का उपाय नहीं करती है, तो मजबूरन किसानों के साथ आंदोलन किया जायेगा.
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