मेदिनीनगर. पर्यावरणविद् कौशल जायसवाल ने बुधवार को अलग-अलग स्कूलों में पौधा वितरण, रोपण व वृक्षों पर रक्षाबंधन कर पृथ्वी दिवस पर दो दिवसीय कार्यक्रम किया. कौशल किशोर जायसवाल ने पलामू में बढ़ते तापमान पर चिंता व्यक्त की है. कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पलामू प्रमंडल के लोग खुद पलामू छोड़ कर भागने पर विवश होंगे. कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन कर पर्यावरण धर्म की प्रार्थना के साथ पौधारोपण से किया गया. छात्राओं को वनों को आग से बचाने व पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलायी गयी और पर्यावरण धर्म का पाठ पढ़ाया. कहा कि एक तो पलामू से होकर कर्क रेखा गुजरने के कारण पहले से ही ब्लैक शैडो जोन में रखा गया है. दूसरी तरफ वनों के कटने और वनों में आग लगने से पत्थर पहाड़ नंगे होने के कारण प्रचंड गर्मी अचानक बढ़ी है. जिससे पलामू की धरती व आकाश में गर्मी का सुनामी आया है. यही कारण है कि पलामू देश का नंबर वन तापमान वाले जिला की सूची में शामिल हो गया है. कहा कि प्रकृति से केवल लेना नहीं देना भी सीखें. क्योंकि बढ़ता प्रदूषण, जल संकट, भीषण गर्मी व तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकना है, तो लोग अपने धर्म के साथ-साथ पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों को अपने दिनचर्या में शामिल कर एक-एक पौधा लगा कर बच्चों की तरह बचायें. दूसरा कोई विकल्प नहीं है. कार्यक्रम कि अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के प्रिंसिपल क्रोनोलिया डुंगडुंग ने कहा कि मैंने पर्यावरणविद कौशल किशोर की जीवनी को बच्चों को पढ़ाया है. इसके पूर्व हमारे विद्यालय में पर्यावरणविद के द्वारा लगाये गये पौधे फल फूल दे रहे हैं. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अफजल अंसारी, जुबेर अंसारी, शिवनाथ राम, बाबूराम, अवधेश राम व श्याम देव सिंह ने पर्यावरण व पृथ्वी बचाने के लिए एक-एक पौधा लगा कर उसे बचाने का आग्रह किया है. मौके पर लक्ष्मण राम, फुलवा देवी, देवंती देवी, राजपति कुंवर, संजू देवी, कमला कुमारी, सोनाली कुमारी, अनीता देवी, अमिता देवी, कलावती देवी, कुंती देवी, राजमतिया देवी, प्रियंका सोनमती, सुमित सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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