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फाइलेरिया से बचाव को लेकर शुरू होगा एमडीए आइडीए अभियान

पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि फाइलेरिया खतरनाक बीमारी है.

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर

पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि फाइलेरिया खतरनाक बीमारी है. मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है. इसका संक्रमण अधिकतर बचपन में ही हो जाता है. बीमारी का लक्षण दिखाई पड़ने में पांच से 10 साल तक लग जाते है. फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति के हाथ-पांव सहित अन्य अंगों में सूजन हो जाता है. यह लाइलाज बीमारी है. इससे बचाव का एकमात्र उपाय फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना है. सीएस डॉ श्रीवास्तव शुक्रवार को कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए आइडीए अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष 10 अगस्त से यह अभियान शुरू हो रहा है. एमएमसीएच परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पलामू डीसी समीरा एस इस अभियान की शुरुआत करेंगी. 16 दिवसीय इस अभियान के पहले दिन 10 अगस्त को जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के निर्धारित बूथों पर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलायी जायेगी. 11 से 25 अगस्त तक अभियान के दौरान टीम डोर- टू डोर भ्रमण कर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलायेगी. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. जो रोड मैप तैयार किया गया है, उसके मुताबिक शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, नगर निकाय, ग्रामीण विकास,पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों से भी सहयोग ली जा रही है. फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के प्रति लोगों को जागरूक करने में यह सभी विभाग सक्रिय सहयोग करेंगे. पलामू डीसी समीरा एस ने इस अभियान को चुनौती के रूप में लेकर आपसी समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया है. सीएस ने कहा कि सबकी सक्रियता व सहभागिता से यह अभियान सफल होगा.मौके पर डीपीएम देवेंद्र श्रीवास्तव, सुखराम, डा अनूप सिंह,प्रिंस सिंह, पीरामल फाउंडेशन के श्रीजेन चक्रवर्ती मौजूद थे.

19,91,297 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य

सीएस डा अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पलामू जिले की जनसंख्या 2262837 है. इसमें से 19,91,297 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया जाना है. स्वास्थ्य विभाग ने 16 दिवसीय फाइलेरिया रोधी अभियान की सफलता के लिए कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत 10 अगस्त को जिले के निर्धारित 2248 बूथों पर दवा खिलायी जायेगी. इस कार्य में 4554 दवा प्रशासकों को लगाया गया है. बूथ पर दवा खिलाने के बाद टीम डोर टू डोर कैंपेनिंग करेगी. निगरानी के लिए 335 सुपरवाइजर को जिम्मेवारी दी गयी है. उन्होंने बताया कि इस अभियान में फाइलेरिया रोधी दवा डीइसी 4978242, अल्बेड्राजोल 1991298 एवं आइवर मेंक्टिंग 4978242 दवा की खपत होगी.अभियान के दौरान शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जायेगा. वर्ष 2023 में लक्ष्य के विरुद्ध 83.99 व 2024 में 91.9 प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई थी. सरकर का यह प्रयास है कि वर्ष 2030 तक पलामू को फाइलेरिया से मुक्त जिला बनाया जाये. इसके लिए आम नागरिकों की जगरूकता आवश्यक है. पलामू में फाइलेरिया (हाथी पाव) के 1077 मरीज है. जिसमें सर्वाधिक मेदिनीनगर में 2081 व पाटन में सबसे कम 60 मरीज है. इसी तरह हाइड्रोशिल से पीड़ित जिले में 702 मरीज है. जिसमें 361 का आपरेशन हुआ है.मेदिनीनगर में सर्वाधिक 1661 व चैनपुर में सबसे कम 21 मरीज है.सीएस ने बताया कि अभियान के दौरान स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र में बूथ बनाया गया है जहां 10 अगस्त को दवा खिलायी जायेगी.

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