फोटो:23डालपीएच 03, 04 प्रतिनिधि: सतबरवा प्राथमिक शिक्षक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय के मैदान में आयोजित जिला स्तरीय नारी सशक्तिकरण सह शक्ति संवर्धन 24 कुंडलीय गायत्री महायज्ञ रविवार को संपन्न हुआ. चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ में करीब 200 श्रद्धालुओं के द्वारा कई संस्कारों को अपनाया. महायज्ञ में गायत्री परिवार से जुड़े करीब 50 लोगों ने नशापान छोड़ने शादी विवाह के दौरान दहेज नहीं लेने का संकल्प लिया. कई पुरुषों ने नारी व युवाओं को सम्मान के लिए गायत्री परिवार से जुड़कर सही मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. महायज्ञ समिति के अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि सतबरवा में आयोजित चार दिवसीय 24 कुंडलीय गायत्री महायज्ञ में पलामू जिले के हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस महायज्ञ में करीब 200 श्रद्धालु के द्वारा दीक्षा, नामांकन,अन्नप्राशन, गर्भधान तथा मुंडन संस्कार लिया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं के द्वारा 5100 दीप जलाकर नारी व पर्यावरण को रक्षा करने की अपील की गयी. उन्होंने कहा कि गायत्री महायज्ञ के माध्यम से हम सबों को जीवन में सुधार लाने का अवसर मिला है जिस पर सभी लोगों को अमल करने की जरूरत है. उन्होंने महायज्ञ में शामिल सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि गायत्री परिवार के लोगों के दिन रात मेहनत के कारण ही जिला स्तरीय महायज्ञ श्रद्धा भक्ति के साथ-साथ शांति से संपन्न हो सका. मौके पर विनोद चौधरी, सतनारायण मेहता, वीरेंद्र साहू, श्याम बिहारी प्रसाद, सुरेश सिंह, अरुण कुमार, कमलेश प्रसाद, नीरज कुमार, नारद प्रसाद, ओमकार ठाकुर, सुनील गांधी, संतोष प्रजापति, महिला मंडल के कंचन देवी, उषा देवी, रूबी देवी, सुशीला गुप्ता, रामशिला देवी, अंजू देवी, संध्या देवी, पूनम गुप्ता सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे. सही ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना भी ईश्वर की पूजा से काम नहीं: रामरतन गायत्री महायज्ञ में शांतिकुंज हरिद्वार से आये टोली नायक राम रतन मूल प्रवचन के तीसरे दिन संबाेधन में कहा कि सेवा भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना भी ईश्वर की पूजा से कम नहीं. आज अधिकतर लोग अपने अधिकारों को अच्छी तरह से समझते हैं. मगर अपने कर्तव्यों को भूलते जा रहे हैं. जिसके कारण कई तरह की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक पाटन तेजी गति से हो रहा है. उन्होंने कहा कि घर में माता-पिता देवता रूप में विद्यमान है. जब माता-पिता खुश रहेंगे तब ईश्वर भी हम पर खुश रहेंगे. मनुष्य के जीवन में ज्ञान का बड़ा महत्व है. ज्ञान हमेशा सत्संग एवं विद्वत जनों के संगति से प्राप्त होता है. प्रवचन कर्ता राम रतन ने कहा कि दहेज रूपी दानों समाज को तथा नशा पान से युवाओं को बचाने की जरूरत है, तभी हमारा देश फिर से विश्व गुरु बन सकेगा.
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