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रमजान माह के अंतिम जुमे की नमाज अदा की गयी

मुस्लिमों का पवित्र माह रमजान उल मुबारक की आखिरी जुमा, यानी अलविदा जुमे की नमाज अकीदत की साथ अदा की गयी.

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फोटो:28डालपीएच 04 प्रतिनिधि, हुसैनाबाद मुस्लिमों का पवित्र माह रमजान उल मुबारक की आखिरी जुमा, यानी अलविदा जुमे की नमाज अकीदत की साथ अदा की गयी. साथ ही देश की तरक्की, अमन चैन, खुशहाली की दुआ मांगी. शहर के राजटोली मोहल्ला में स्थित जामा मस्जिद में सबसे अधिक लोगों ने अलविदा जुमा की नमाज अदा की. इसके अलावा नूरी मस्जिद, इमामन मस्जिद, जपला चौबे, मोहम्दाबाद, मिर्जापुर, शिया मस्जिद, के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के देवरी, बुधआ, दंगवार, काकोरिया, ऊपरी कला, फातमा चक, बहोरन बीघा, सुखन बिगहा, समेत कई मस्जिदों में अलविदा जुमा की नमाज अदा की गयी. अलविदा जुमे की नमाज को लेकर सुबह से लोग अपनी अपनी तैयारी में जुट रहे, बच्चों में खासा उत्साह देखा गया. दोपहर से नमाज अदा करनेवालों की भीड़ मस्जिदों में आनी शुरू हो गयी. मस्जिदों के जुमा की तकरीरों में पेश इमामों ने कहा कि रमजान महीने के दौरान रोजेदारों में भूख, प्यास, समेत हर तरह की सख्ती बर्दाश्त करने की आदत हो जाती है. रमजान का मकसद यह है की लोग दूसरों की तकलीफों को समझें और अपने अपनी हैसियत के अनुसार दूसरों की मदद करते रहे. साथ ही लोग फितरा जकात जरूर निकालें, जकात करने वालों का रिश्ता अल्लाह से और मजबूत होता है. आपके जकात फितरा की रकम तकसीम करने से गरीब मजलूमों लोग भी ईद का त्योहार खुशी खुशी से मना सकें. मौके पर ऐजाज हुसैन उर्फ छेदी खान, मौलाना खुर्शीद नूरी, सुहैल आलम, अमीन खान, डा एजाज आलम, सैयद मशरूर अहमद, फिरोज सिद्दीकी उर्फ चंगेज, जुल्फिकार अली, सैयद अफान मीर, सैयद कामरान मीर, तनवीर आलम उर्फ बब्लू, निजाम खान, शमशेर खान, आरजू खान, सहित कई लोग मौजूद थे. मुस्लिम समुदाय ने काला बिल्ला लगाकर नमाज अदा किया फोटो:28डालपीएच 03 प्रतिनिधि: मेदिनीनगर केंद्र सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हुए शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काला बिल्ला लगाकर अलविदा जुमे की नमाज अदा की. शहर के छहमुहान स्थित जामा मस्जिद में रमजान माह के आखिरी जुमे की नमाज में अधिकांश नमाजी काला बिल्ला लगाकर पहुंचे. मस्जिद प्रबंधन समिति के सदर अधिवक्ता शौकत अली, सचिव एजाज अहमद खान, पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद शाहनवाज कासमी ने बताया कि केंद्र सरकार ने वक्फ विधेयक लायी है. पिछले दिनों संसद में इस पर काफी बहस हुई. इसके बाद सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया. इस समिति में मुस्लिम समुदाय के सांसदों के अलावा अन्य समुदाय के सांसदों को भी शामिल किया गया है. मुस्लिम समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं. समिति में गैर मुस्लिम सांसदों को शामिल किये जाने के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध किया हे. उन्होंने कहा कि अन्य धर्म के ट्रस्ट में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल नहीं रहते हैं. आखिर किस परिस्थिति में केंद्र सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिये गठित समिति में गैर मुस्लिमों को शामिल किया है. केंद्र सरकार इसे वापस ले. मौके पर रिजवान खान, तबारक हुसैन, इसरार खान, असगर हुसैन, नासिर हुसैन, अनवर हुसैन, इस्माइल, सफदर, जिशान खान, नसीम खान, लाडले खान, नफीस खान, अनवर अहमद, गुलाम सादिक सहित कई लोगों ने केंद्र सरकार की इस नीति का विरोध किया. पलामू में अकीदत के साथ अदा की गयी रमजान माह के अलविदा जुमा की नमाज रोजा रखने का मकसद तकवा और परहेजगारी है फोटो:28डालपीएच 02 प्रतिनिधि, मेदिनीनगर पलामू जिले में शुक्रवार को रमजान माह के अलविदा जुमे की नमाज अदा की गयी. नमाज को लेकर शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ी. नमाज से पहले मस्जिदों में तकरीर हुई. छह मुहान स्थित जामा मस्जिद में काफी संख्या में लोगों ने अलविदा जुमे की नमाज अदा की. इससे पूर्व तकरीर में मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद शाहनवाज कासमी ने रोजा रखने के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि रमजान माह रहमत, बरकत और मगफिरत का महीना है. फिलहाल रमजान-उल-मुबारक का आखिरी अशरा चल रहा है. यह अशरा मगफिरत का होता है. इस अशरे में सदका व फितरा के तौर पर अपनी आय का हिस्सा अदा करना चाहिये. उन्होंने कहा कि रमजान माह व रोजा रखने की अहमियत को समझने की जरूरत है. रोजा रखने का मकसद तकवा और परहेजगारी है. रोजे की हालत में गाली-गलौज, लड़ाई-झगड़ा, चुगली सहित अन्य तरह की बुराइयों से परहेज करना चाहिये. उन्होंने कहा कि रोजा रखने से आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति को गरीबों का दर्द, परेशानी समझ में आती है और उनके प्रति मुहब्बत जागृत होता है. वे लोग खुशनसीब हैं, जो रमजान माह की अहमियत को समझते हुए कुरान की तिलावत एवं अल्लाह की इबादत करने में समय गुजारते हैं. रमजान माह में रोजा के दौरान अल्लाह की इबादत करते हुए उनसे अपने गुनाहों की माफी की दुआ करनी चाहिये. अलविदा जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने मुल्क की हिफाजत, तरक्की व अमन चैन की दुआ किया. शहर के जामा मस्जिद के अलावा छोटी मस्जिद, मिल्लत मस्जिद, मदीना मस्जिद, नूरी मस्जिद, मदीना मस्जिद, मस्जिद-ए-हेरा में अलविदा जुम्मा की नमाज अदा की गयी. नमाज को लेकर पुलिस सजग व सक्रिय रही. सभी मस्जिदों में नमाजियों के बैठने और अन्य आवश्यक सुविधायें मस्जिद प्रबंधन के द्वारा उपलब्ध करायी गयी. जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के सदर शौकत अली, सचिव एजाज अहमद खान, मोअजिम गुलाम सादिक सक्रिय थे.

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