मामला सदन में उठाने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता निलंबित
प्रतिनिधि, मेदिनीनगर
भारत सरकार की नल-जल महत्वकांक्षी योजना पलामू में पूरी तरह से फेल हो चुकी है. केंद्र सरकार की वर्ष 2024-25 तक हर घर को नल-जल योजना से जोड़ना था. लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गयी. पलामू में करीब नौ सौ करोड़ की योजना संचालित थी. पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता ने पांकी विधानसभा में नल-जल योजना में गड़बड़ी को लेकर सदन में मामला उठाया था. इस मामले में सरकार ने पलामू के पेजयल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर गुप्ता को निलंबित कर दिया है. पांकी विधायक डॉ मेहता शुक्रवार को परिसदन में प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि पांकी विधानसभा में जल-जीवन मिशन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. आम लोगों को नल-जल से शुद्ध पेयजल सपना बनकर रह गया है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये इस योजना को लागू किया था, ताकि लोगों को घर में नल के माध्यम से जल मिल सके. लेकिन पीएचडी विभाग के अधिकारी संवेदक व अन्य लोगों की मिलीभगत से यह योजना लूट की शिकार हो गयी. अधिकारी व संवेदक मालामाल हो गये और जनता पानी के बिना बेहाल हो गयी. विधायक ने बताया कि पांकी विधानसभा में 31 कलस्टर बनाया गया था. जिसमें सभी कार्य को 90 प्रतिशत से अधिक रिपोर्ट में बताया गया है. जबकि अधिकांश जगहों पर 10 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है, लेकिन संवेदकों को राशि का भुगतान कर दिया गया. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कई जगहों पर हो रहे निर्माण कार्य के प्रगति रिपोर्ट जीपीएस सिस्टम से फोटो ली गयी. जिसमें तस्वीर स्पष्ट बता रहा है कि कार्य की स्थिति क्या है. विधायक ने कहा कि विभाग के वरीय अधिकारी, कर्मियों व संवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पूरी राशि के वसूली करना जरूरी है. नहीं तो इसके लिये आंदोलन भी किया जायेगा. जनता को शुद्ध पेयजल चाहिये. विभाग उन्हें उपलब्ध करायें. मौके पर विधायक के जिला प्रतिनिधि प्रकाश मेहता, बच्चन ठाकुर सहित कई लाेग मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है