37.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

नीलांबर-पीतांबर लोक महोत्सव में बोले गौहर रजा- कला व साहित्य के माध्यम से बदेलगा देश का मौजूदा हालात

गजलकार गौहर रजा ने नज्म ‘सब जिंदा है’ से अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में सच को कहना बेहद जरूरी है. देश का हालात बदले.

इप्टा के राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन रंगयात्रा के समापन के बाद तीन दिवसीय नीलांबर-पीतांबर लोक महोत्सव शिवाजी मैदान में शुरू हुआ. इसका उदघाटन राष्ट्रीय नाट्य निर्देशक लेखक व कलाकार प्रसन्ना ने किया. उन्होंने देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. कहा कि राजनेता संस्कृति की शिक्षा दे रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम सामने देखने को मिल रहा है. कलाकारों व संस्कृति कर्मियों को राजनेताओं से संस्कृति की सीख लेने की आवश्कता नहीं है. बल्कि कला व संस्कृति के माध्यम से देश व समाज की दशा व दिशा बदलने के लिए सार्थक प्रयास करने की आवश्कता है.

उन्होंने कहा कि देश के खराब दौर की शुरूआत अमीरी व गरीबी के बीच बढ़ती खाई से हुई. इस खाई को पाटने के लिए सरकार ने कोई सार्थक पहल नहीं की. इस हालात के लिए सत्ता पक्ष जिम्मेवार है. इसमें नौजवानों का कोई दोष नहीं है. लेकिन इस परिवेश को बदलने के लिए जनमानस को आगे आकर अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है.

मुख्य अतिथि वरीय संस्कृति कर्मी व गजलकार गौहर रजा ने नज्म ‘सब जिंदा है’ से अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में सच को कहना बेहद जरूरी है. देश का हालात बदले. इसके लिए सांस्कृतिक आंदोलन की आवश्यकता है. कला व साहित्य के माध्यम से ही देश की मौजूदा हालात को बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश के नवजवान व कलाकारों से बेहद उम्मीद है.

इतिहास गवाह है कि नाटक, साहित्य, कला के माध्यम से लोगों की सोच को बदला जा सकता है. इसलिए इस दिशा में सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है. बदलते दौर में कला, संस्कृति व साहित्य से जुड़े लोगों पर हमला हो रहा है. सत्ता में बैठे लोगों को यह भय सता रहा है कि कलाकार व संस्कृति कर्मी जनता को सच से अवगत कराकर उन्हें जागरूक कर सकते हैं. लेकिन कलाकारों को अपना कर्म करने की जरूरत है.

रनेंद्र कुमार ने कहा कि समय की मांग है कि कला के हर रूपों को प्रदर्शित किया जाये. कठिन दौर से गुजर रहे देश को उबारने के लिए दक्षिण पंथी क्रांति की आवश्कता है. सांप्रदायिकता व फासीवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करने की जरूरत है. मौके पर इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा, उषा आठले, वेदा राकेश, मधु मंसूरी हसमुख, सुखदेव सिरसा, शमिक बंदोपाध्याय, सीताराम सिंह, प्रलेश के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिरसा, टीबीपालन, अमिताभ, तनवीर अख्तर सहित कई लोगों ने विचार रखे. आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ अरुण शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया. संचालन इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार व धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम भसीन ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें