पाटन. प्रखंड में धनकटनी का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक एक भी धान क्रय केंद्र नहीं खोला गया है. पैक्स नहीं खुलने के कारण किसान औने पौने दामों पर बिचौलियों के पास धान बिक्री कर रहे हैं. जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है. किसानों का कहना है कि ऊंची कीमतों पर धान का बीज, खाद खरीदते हैं. मजदूरी भी बढ़ गयी है. खेत जोताई करने के लिए ट्रैक्टर को अधिक पैसा देना पड़ता है. फिर रोपाई में लगे मजदूरों को अधिक मजदूरी देनी पड़ती है. धान का फसल तैयार हो जाने के बाद उसकी कटाई से दाना निकालने में भी मजदूरी देनी पड़ती है, लेकिन जब धान तैयार हो जाता है तो किसानों को लागत पूंजी के मुताबिक धान की कीमत नहीं मिल पाता है. जिससे किसानो का कमर ही टूट जाती है. किसानों ने बताया कि सरकार ने 2500 रुपये क्विंटल धान क्रय करने को कहा गया था. लेकिन अभी तक धान क्रय केंद्र ही नहीं खोला जा सका है. जबकि किसान का धान तैयार हो गया है. जिसके कारण किसानों को 14 से 15 रुपये प्रति क्विंटल धान बिक्री करनी पड़ रही है. क्षेत्रीय बिचौलियों के माध्यम से कम कीमत में धान क्रय किया जा रहा है और दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है.
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