मेदिनीनगर. नेशनल मेडिकल कमीशन ने सदर प्रखंड के पोखराहा स्थित मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में कमियों को लेकर नौ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. यह कमी चिकित्सा शिक्षा रेगुलेशन 2023 के तहत पायी गयी है. वार्षिक उद्घोषणा रिपोर्ट के आधार पर पायी गयी है. इस संबंध में नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत यूजीएमइबी के डायरेक्टर सुखलाल मीणा ने एमएमसीएच के प्राचार्य को पत्र भेजा है. इसक माध्यम से मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पीएन महतो से नौ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. एनएमसी जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर नौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगा सकता है. एनएमसी के नियम के अनुसार मेडिकल कॉलेज में निर्धारित शर्तों के अनुसार यदि कमी पायी जाती है, तो प्रत्येक कमियों के आधार पर एक करोड़ का जुर्माना एनएमसी लगा सकता है. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में नौ तरह की कमी पायी गयी है. जिसके कारण मेडिकल कॉलेज पर नौ करोड का जुर्माना लगा सकता है. नौ बिंदुओं की कमी को पूरा नहीं किया जाता है, तो एनएमसी सत्र 25-26 के एडमिशन पर रोक भी लगा सकता है. इसके पूर्व इस कॉलेज में 2020-21 में निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं किये जाने के कारण एनएमसी ने एडमिशन पर रोक लगा दिया था. नेशनल मेडिकल काउंसिल के अनुसार विभिन्न विषयों में शिक्षकों की कमी है. रेजिडेंट डॉक्टर व टयूटर जितनी संख्या चाहिए में होनी चाहिए थी. उतनी संख्या नहीं है. इस कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट व प्राध्यापक की संख्या जितनी होनी चाहिए थी. उससे 70 प्रतिशत कम है. मरीज के बेड की संख्या 500 होनी चाहिए थी. लेकिन मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या मात्र 353 है. बेड पर मरीजों को भर्ती होने का प्रतिशत मात्र 66.6 है. जबकि एनएमसी के अनुसार बेड पर भर्ती मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए. एक मेडिकल कॉलेज में बच्चों की पढ़ाई के लिए 10 डेड बॉडी की जरूरत है. लेकिन इस कॉलेज में मात्र सात डेडबाडी है. कॉलेज में छोटे व बड़े ऑपरेशन थिएटर का होना जरूरी है, जो इस कॉलेज में नहीं है. इसके अतिरिक्त क्लीनिकल पैथोलॉजी अपर्याप्त है. मेडिकल कॉलेज में हिस्टोपैथोलॉजी व साइटोपैथोलॉजी नहीं है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ पीएन महतो ने बताया कि नौ बिंदुओं पर एनएमसी ने स्पष्टीकरण मांगा है. इसे दूर करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है. बताया कि नये डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया की जा रही है. 500 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है. दिसंबर 2025 से चालू होने की संभावना है.
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