Crime News: पाटन (पलामू), रामनरेश तिवारी-पलामू जिले की पाटन थाना पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी दिलीप मेहता को गिरफ्तार कर लिया. वह फरार चल रहा था. पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी, लेकिन पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था. शनिवार को पड़वा थाना क्षेत्र के कोकरसा तेलियाह से शादी समारोह में शामिल होने के लिए आरोपी दिलीप मेहता आया हुआ था. पुलिस को इसकी गुप्त सूचना मिली. पाटन थाना प्रभारी लालजी के नेतृत्व में टीम गठित की गयी. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आरोपी दिलीप मेहता पाटन थाना क्षेत्र के भोंगा गांव का है. वह सत्यदेव मेहता का पुत्र है.
2022 से फरार था दिलीप मेहता
दिलीप मेहता के खिलाफ पाटन थाने में वर्ष 2022 में नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. तभी से वह फरार चल रहा था. पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर उसके कई ठिकानों पर छापामारी कर चुकी थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने की सूचना उसको मिल जाती थी. वह भागने में सफल हो जाता था. पाटन थाना प्रभारी ने उसकी गिरफ्तारी को लेकर कई बार योजना बनायी थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने के पहले वह भाग जाता था. पाटन थाना प्रभारी लालजी को सूचना मिली कि आरोपी दिलीप के साले की शादी है. थाना प्रभारी ने दिलीप के साले की शादी की सूचना गुप्त रखी, लेकिन उसकी गिरफ्तार के लिए एक योजना बनायी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी की योजना गोपनीय रखी, जिसके कारण वह उसे गिरफ्तार करने में सफल हो पाए.
पुलिस ने आरोपी को ऐसे दबोचा
पाटन थाना प्रभारी लालजी ने योजना के तहत काम किया. वह शनिवार को देर शाम सादे लिबास में कोकरसा गांव पहुंचे. शादी समारोह में रिश्तेदार बनकर शामिल हो गए. वहीं एक सहायक पुलिस हेमंत बैंड पार्टी में शामिल होकर बैंड बजाने लगा. बैंड बजाते हुए वह आरोपी दिलीप मेहता का रेकी करने लगा. वहीं दो पुलिस वाले लड़का के दोनों तरफ मऊर लेकर बैठ गये. मऊर बांधने के लिए लड़के के बहनोई को बुलाया गया. घर से बारात निकली. बारात मुरमा मोड़ पहुंची. दुल्हे के वाहन को रुकवाया गया. इसके बाद दिलीप मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया. थाना प्रभारी का कहना था कि आरोपी की गिरफ्तारी में बल प्रयोग किया जाता, तो शादी में भगदड़ मच सकती थी.
दिलीप पूर्व में भी जा चुका है जेल
दिलीप मेहता के खिलाफ वर्ष 2017 में भी स्कूली छात्रा से छेड़खानी को मामला दर्ज हुआ था. पुलिस की दबिश के बाद उक्त मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. करीब तीन वर्ष के बाद जेल से बाहर निकला था. इसके बाद उसने फिर एक नाबालिक के साथ दुष्कर्म किया था. उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था, लेकिन तब से वह फरार चल रहा था. पुलिस उसके घर जाती थी, लेकिन उसके पिता सत्यदेव मेहता द्वारा पुलिस को यह कहकर वापस लौटा दिया जाता था कि उसको दिलीप से कोई मतलब नहीं रहता है. उससे बातचीत भी नहीं होती है, लेकिन जब पुलिस द्वारा दिलीप को गिरफ्तार किया गया. तब उसके पिता थाना पहुंचे. पुलिस ने पूछा कि जब दिलीप से कोई मतलब ही नहीं था तो थाना क्यों आए हैं? सत्यदेव मेहता कोई जवाब नहीं दे सके.
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