मोंथा से धान समेत कई फसलें बर्बाद 72 घंटे में रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश किसानों को बीमा योजना का लाभ दिलाने की तैयारी प्रतिनिधि, मेदिनीनगर कृषि विभाग ने हाल ही में आये मोंथा चक्रवाती तूफान व बारिश से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराने का आदेश जारी किया है. जिला कृषि पदाधिकारी ने इस संबंध में सभी अंचल अधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी तथा एचडीएफसी एग्रो इंश्योरेंस कंपनी को पत्र भेजा है. जिला कृषि पदाधिकारी ने निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान का उचित लाभ दिलाने के लिए उन्हें जागरूक किया जाये. इसके लिए 72 घंटे की समय सीमा तय की गयी है. निर्धारित अवधि में फसल नुकसान का सर्वे व आकलन पूरा कर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. सर्वे के दौरान बीमित किसानों का नाम, बीमा संख्या, आवेदन संख्या, फसल का नाम, रकवा, गांव व प्रखंड का विवरण मांगा गया है. विभाग के अनुसार, मोंथा तूफान से जिले के लगभग सभी प्रखंडों में खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं. धान, मक्का, दलहन, तेलहन समेत मोटे अनाजों की फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गयी है. इस वर्ष जिले में 54,634.28 हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी, जो लक्ष्य (51,000 हेक्टेयर) से 107.13% अधिक थी. परंतु चक्रवाती तूफान के कारण तैयार फसलें गिर गयीं और खेतों में पानी भर जाने से धान अंकुरित होने लगा. अरहर, उरद, मूंग, कुल्थी, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजी, अरंडी, ज्वार, बाजरा और मड़ुआ जैसी फसलें भी भारी क्षति की शिकार हुई हैं. सरकार ने फसल नुकसान की सूचना के लिए टोल फ्री नंबर 14447 जारी किया है. किसान इस नंबर पर फोन कर अपनी फसल क्षति की जानकारी दे सकते हैं. कृषि विभाग ने प्रखंडों से रिपोर्ट मिलने के बाद नुकसान का अंतिम आकलन राज्य मुख्यालय को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.
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