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पेशाब के रास्ते से निकल रहे हैं पत्थर, लकड़ी के सींक
मोहम्मदगंज (पलामू) : मोहम्मदगंज शिशु शिक्षा मंदिर के चौथी का छात्र विवेक कुमार (नौ वर्ष) 11 जनवरी, 2016 से असह्य पीड़ा के दौर से गुजर रहा है. उसके पेशाब के रास्ते से पत्थर के टुकड़े और नीम के सींक निकल रहे हैं. विशुनदेव राम ने कई नामी-गिरामी शिशु रोग विशेषज्ञ से बेटे का इलाज कराया, […]
मोहम्मदगंज (पलामू) : मोहम्मदगंज शिशु शिक्षा मंदिर के चौथी का छात्र विवेक कुमार (नौ वर्ष) 11 जनवरी, 2016 से असह्य पीड़ा के दौर से गुजर रहा है. उसके पेशाब के रास्ते से पत्थर के टुकड़े और नीम के सींक निकल रहे हैं. विशुनदेव राम ने कई नामी-गिरामी शिशु रोग विशेषज्ञ से बेटे का इलाज कराया, लेकिन विवेक की पीड़ा दूर नहीं हुई. डॉक्टरों ने तमाम जांच कराये. सबके रिपोर्ट नॉर्मल हैं.
लाखों रुपये इलाज पर खर्च हो चुके हैं. विवेक की पेशाब की नली का आॅपरेशन भी किया गया. फिर भी न उसकी पीड़ा कम हुई, न उसकी समस्या दूर हुई. विवेक की यह समस्या क्षेत्र के डॉक्टरों के लिए भी चुनौती बन गयी है. विशुनदेव ने अपने बेटे को वाराणसी के बीएचयू, लखनऊ स्थित पीजीआइ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल और सासाराम के नारायण हॉस्पिटल में हो चुका है.बिहार-झारखंड के कई अस्पतालों में दिखा चुके हैं.
विवेक का सब कुछ असामान्य हो गया, जब मेदिनीनगर के डॉक्टर संजय कुमार ने उसका पेशाब उतारने के लिए कैथेटर लगाया. विशुनदेव राम ने बताया कि बेटे के पेशाब से निकलनेवाले पत्थर और सींक को कागज में लपेट कर रख रहे हैं. उस पर हर दिन की तारीख भी अंकित कर देते हैं. 11 अप्रैल से उसकी पीड़ा काफी बढ़ गयी है. सरकारी चिकित्सक विनोद कुमार सिंह भी उसकी समस्या का निदान नहीं कर सके. विवेक के पिता ने बताया कि पेशाब की थैली पर चोट लगने के बाद उसकी यह समस्या शुरू हुई, जो लगातार बढ़ती चली गयी.
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