मोहम्मदगंज ़ पलामू और गढ़वा जिलों में लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश से क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. इसका सीधा असर कोयल नदी पर बने भीम बाराज पर पड़ा है, जहां दूसरी बार बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उत्तर कोयल परियोजना के तहत पहली बार इस वर्ष 70,000 क्यूसेक पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है. मुख्य नहर से जल आपूर्ति पूरी तरह बंद : बाराज पर जलस्तर बढ़ने के कारण मुख्य कोयल नहर का फाटक शनिवार शाम से बंद कर दिया गया है. अब किसानों के लिए नहर के माध्यम से जल आपूर्ति पूरी तरह से बंद है. यह निर्णय बाढ़ से नहर को बचाने के लिए लिया गया है. फाटक खुले, कर्मचारी अलर्ट मोड में : उत्तर कोयल परियोजना के कार्यपालक अभियंता विनीत प्रकाश ने बताया कि बाराज पर बाढ़ का दबाव अत्यधिक है, जिसके कारण सभी फाटक खोल दिये गये हैं और नदी में सीधे पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई वर्षों बाद पहली बार बाराज से 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. यह कदम बाढ़ के दबाव को कम करने के लिए उठाया गया है. बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए सिंचाई विभाग के कर्मियों की आपातकालीन ड्यूटी लगायी गयी है. अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटा जा सके. किसानों की चिंता बढ़ी, निगाहें मौसम पर टिकी : जहां एक ओर नदियों में जलस्तर का बढ़ना बाढ़ का संकेत है, वहीं दूसरी ओर मुख्य नहर से जल आपूर्ति बंद होने से किसानों की चिंताएं भी बढ़ गयी हैं. यदि बारिश जल्द नहीं थमती तो फसलों को क्षति पहुंचने की आशंका जतायी जा रही है. फिलहाल सभी की निगाहें मौसम और जल स्तर पर टिकी हैं.
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