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ग्रामीण वद्यिुतीकरण ठेके में अनियमितता पाये जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं

ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में अनियमितता पाये जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं669 करोड़ के ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में हुई अनियमितता वरीय संवाददाता, रांची 669 करोड़ के ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में भारी अनियमितता हुई है. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी, पर अबतक न तो दोषियों पर कोई कार्रवाई की गयी है और न […]

ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में अनियमितता पाये जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं669 करोड़ के ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में हुई अनियमितता वरीय संवाददाता, रांची 669 करोड़ के ग्रामीण विद्युतीकरण ठेके में भारी अनियमितता हुई है. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी, पर अबतक न तो दोषियों पर कोई कार्रवाई की गयी है और न ही निविदा को रद्द किया गया है. सूत्रों ने बताया कि मामले की लीपापोती का प्रयास बिजली वितरण निगम के कुछ अधिकारी कर रहे हैं. एक माह पहले सौंपी गयी थी रिपोर्ट तीन सदस्यी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पांच नवंबर को ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे को सौंप दी थी. फाइल बोर्ड मुख्यालय में घूमती रही, पर कोई कार्रवाई किसी पर नहीं हुई. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि बैंक गारंटी के नाम पर कई कंपनियों को ठेके में शामिल होने से रोक दिया गया. केवल अपनी चहेती कंपनियों को ही ठेके में हिस्सा लेने का मौका दिया गया. गौरतलब है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 10 जिलों के गांवों में बचे विद्युतीकरण के लिए जून 2015 में निविदा निकाली गयी थी. इसके तहत पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, लोहरदगा, रांची, जामताड़ा, देवघर, साहेबगंज, गोड्डा व पाकुड़ के बचे हुए गांवों का विद्युतीकरण किया जाना है. कुल प्राक्कलित राशि 669.37 करोड़ है. निविदा में करीब 24 कंपनियों ने भाग लिया. कंपनियों ने निविदा प्रगति शुल्क के रूप में 70 हजार रुपये प्रति निविदा तथा बैंक गांरटी के रूप में 10 लाख रुपये जमा किये. तकनीकी मूल्यांकन कमेटी (टीइसी) निविदा में गड़बड़ी करते हुए अपनी चहेती कंपनियों को ऊंचे दर पर कार्य आवंटित करने जा रही थी. चहेती कंपनियों को निर्धारित दर से 22 से 34 प्रतिशत अधिक दर पर एल वन बिडर घोषित किया गया. इसके चलते बोर्ड पर 150 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा.कार्रवाई का निर्देश दिया : ऊर्जा सचिवऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह झारखंड विद्युत विकास निगम के सीएमडी एसकेजी रहाटे ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद बिजली वितरण कंपनी को कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि ठेके में केवल बैंक गारंटी के आधार पर कई कंपनियों को हिस्सा न लेने देना कमेटी ने भी गलत माना है. रिपोर्ट आ गयी है, अब जल्द ही कार्रवाई होगी और इसकी सूचना मीडिया को भी दी जायेगी.

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