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गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू : सन्हिा

गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू : सिन्हावरीय संवाददाता, रांचीकेंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा है कि देश भर में ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू की गयी है. योजना के तहत गरीबी के कारणों को दूर करते हुए ग्रामीणों की आजीविका को सुधारा जायेगा. […]

गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू : सिन्हावरीय संवाददाता, रांचीकेंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा है कि देश भर में ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए मिशन अंत्योदय योजना शुरू की गयी है. योजना के तहत गरीबी के कारणों को दूर करते हुए ग्रामीणों की आजीविका को सुधारा जायेगा. इसके लिए दीनदयाल कौशल विकास योजना, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, आवास की सुविधा और अन्य आधारभूत संरचना गरीबों को मुहैया करायी जायेगी. श्री सिन्हा मंगलवार को होटल बीएनआर में आयोजित जेंडर ट्रांसफॉर्मेटिव रूरल लाइवलीहुड : स्ट्रेटेजीज फॉर कनवर्जेंस विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हर परिवार की आजीविका को संदर्भ मानकर योजनाएं चलायी जायेंगी, जिसके लिए सामाजिक आर्थिक जनगणना को मानक बनाया जायेगा. तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल में महिलाएं घर से बाहर निकल कर पुरुषों के वर्चस्व वाले इलाकों में काम करने लगी हैं. उन्होंने कहा कि बालिकाओं का शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है. प्राथमिक शिक्षा में आज भी बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है. महिलाओं को जमीन में भागीदारी मिलनी चाहिए : जेके महापात्राकेंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव जेके महापात्रा ने जमीन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में 79 प्रतिशत महिलाएं दूसरे के खेतों में मजदूरी करती हैं. इनमें से 10 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना जमीन नहीं है. महिलाओं को रैयती जमीन में हिस्सेदारी मिले, इसके लिए कानून में सुधार करने की आवश्यकता है. टेनेंसी एक्ट कानूनों में रैयतों के अधिकार की समीक्षा करते हुए परिवार की महिलाओं के नाम भी जमीन का नामांतरण करने की सुविधा बहाल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि महिला कामगारों की तरफ से रोजगार के प्रति ललक कम हो रही है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष पांच फरवरी को मनरेगा का एक दशक पूरा होगा. मनरेगा की सफलता और असफलता पर भी समीक्षा करने की आवश्यकता है.समय पर हो मनरेगा मजदूरों का भुगतान : ज्यां द्रेजअर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कार्यक्रम में मनरेगा मजदूरों का भुगतान समय पर करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में महिलाएं समेकित बाल विकास परियोजनाएं संभाल रही हैं, पर झारखंड में अब भी मनरेगा मजदूरों को 161 रुपये की मजदूरी मिल रही है. यह बाजार दर की तुलना में काफी कम है. भारत और दक्षिण एशिया में आज भी महिलाएं पुरुषों पर ही निर्भर हैं. भारत में अब भी 25 फीसदी, नेपाल में 80 फीसदी और बांग्लादेश में 58 फीसदी महिलाएं लेबर फोर्स पार्टिशिपेशन का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि चाइल्ड डेवलपमेंट इंडेक्स में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल सबसे अव्वल राज्य हैं, पर झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश और हिंदी भाषी राज्य पिछले पायदान पर हैं.

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