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173 एचआइवी के मरीजों की पहचान
सात रेड लाइट एरिया के, अन्य बाहर काम करने वाले मजदूर हैदरनगर (पलामू) : पलामू जिला के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में अबतक एचआइवी पॉजिटिव 173 मरीजों की पहचान अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद में कार्यरत आइसीटीसी ने की है. आइसीटीसी के काउंसेलर शशिभूषण सिंह ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में आइसीटीसी जुलाई 2008 से शुरू की गयी […]
सात रेड लाइट एरिया के, अन्य बाहर काम करने वाले मजदूर
हैदरनगर (पलामू) : पलामू जिला के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में अबतक एचआइवी पॉजिटिव 173 मरीजों की पहचान अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद में कार्यरत आइसीटीसी ने की है. आइसीटीसी के काउंसेलर शशिभूषण सिंह ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में आइसीटीसी जुलाई 2008 से शुरू की गयी है.
इस केंद्र में जांच के बाद दवा भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि शोधों से यह ज्ञात हुआ है कि जितने मरीजों की पहचान हो पाती है, उससे दस गुना अधिक मरीज उस क्षेत्र में पाये जाते हैं. हुसैनाबाद शहर में रेड लाइट एरिया है. सिर्फ वहां एचआइवी पॉजिटिव सात मरीज हैं. यह संख्या अधिक भी हो सकती है, क्योंकि अन्य ने कही और जांच कराया होगी तो उसकी जानकारी स्थानीय आइसीटीसी को नहीं है. श्री सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र से पलायन कर लोग देश के विभिन्न जगहों पर रोजी-रोटी के लिए जाते हैं. एचआइवी पॉजिटिव मरीजों में अधिक संख्या वैसे ही लोगों की है. उन्होंने कहा कि यह संख्या जनसंख्या का 0.5 प्रतिशत है. इतने एचआइवी पॉजिटिव मरीज पलामू प्रमंडल ही नहीं बल्कि राज्य के एक-दो जिले को छोड़ कर कहीं नहीं हैं.
कब कितने मरीजों की हुई पहचान
जुलाई 2008 से दिसंबर 2008 तक 16, 2009 में 38, 2010 में 16, 2011 में 24, 2012 में 28, 2013 में 27, 2014 में 20 व 2015 में अबतक चार मरीजों की पहचान अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद में जांच के दौरान हुई है. काउंसेलर श्री सिंह ने बताया कि अबतक 22159 लोगों की एचआइवी जांच की गयी है. इनमें कुल 173 पॉजिटिव पाये गये हैं.
कैसे होगा नियंत्रण
एड्स पर नियंत्रण कैसे पाया जा सकता है, इस सवाल पर काउंसेलर शशिभूषण सिंह ने कहा कि जागरूकता ही एड्स से बचाव है. एड्स से बचाव की जानकारी गांव-गांव में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दी जा रही है. ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की मासिक बैठक में नियमित रूप से इस विषय पर चर्चा की जाती है. वहीं सहिया, बीटीटी, एएनएम द्वारा ग्राम स्तरीय बैठक, स्वास्थ्य उप केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए वर्ष में कई बार शिविर लगा कर जानकारी व बचाव के उपाय भी लोगों को बताये जाते हैं. गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण के समय ही एचआइवी जांच निश्चित किया जा रहा है.
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