हैदरनगर (पलामू) : सरकार द्वारा चलायी जा रही सभी योजनाओं की राशि लाभुकों के खाते में सीधे भेजने का प्रावधान सराहनीय है. इसमें पारदर्शिता भी है. मगर इन स्कीमों का लाभ लेनेवाले लाभुकों के लिए यह सिर दर्द बन गया है. वहीं विभागीय कर्मचारी भी परेशान हैं. बुधवार को प्रखंड कर्मियों के कहने पर हैदरनगर डाकघर में सैकड़ों पेंशन लाभुक राशि के भुगतान के लिए पहुंचे.
लेकिन डाकघर के कर्मचारी ने बताया कि बैंक से पैसा नहीं आया है. यह सुनने के बाद लाभुकों का पारा चढ़ गया. उन लोगों ने कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई व हंगामा किया. इस स्कीम के लागू होने से प्रखंड व स्वास्थ्य विभाग के लाभुक अधिक परेशान हैं. प्रसूति महिलाओं को संस्थागत प्रसव के उपरांत चौदह सौ रुपये प्रोत्साहन राशि मिलती है. अप्रैल 2014 से पूर्व इस राशि का बियरर चेक उन्हें आसानी से मिल जाता था. मगर अप्रैल 2014 के बाद विभागीय आदेश पर अब उन्हें यह राशि उनके खाते में सीधे भेजी जाती है. अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों व उप स्वास्थ्य केंद्रों में प्रत्येक माह चार से पांच सौ महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. उन महिलाओं को मिलने वाली रकम अनुमंडलीय अस्पताल द्वारा नियमित रूप से भेजी भी जाती है.
मगर दो माह बीत जाने पर भी लाभुकों के खाते में राशि नहीं पहुंचती है. लाभुक कभी बैंक के चक्कर काटते हैं, तो कभी अस्पताल के बैंक के कर्मचारी उन्हें यह कह कर टहला दिया करते हैं कि उनका पैसा अस्पताल से आया ही नहीं है. जबकि अस्पताल के कर्मचारी उन्हें पैसा भेजने का प्रमाण पेश करते हैं. चौदह सौ रुपये लेने के लिए महिला को सैकड़ों बार बैंक और अस्पताल का चक्कर काटना पड़ता है. इस दिषा में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार भारतीय स्टेट बैंक की हुसैनाबाद षाखा के शाखा प्रबंधक से मिले. उन्होंने सुधार का आश्वासन दिया, मगर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। इसी प्रकार पेंशन के लाभुक, इंदिरा आवास के लाभुक समेत अन्य सभी लाभुक परेषान हैं. इस स्थिति में अनुमंडलीय अस्पताल हुसैनाबाद अंतर्गत प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है.