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छह सूत्री मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू
मेदिनीनगर : उचित मानदेय देने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर कृषक मित्र चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार से कृषक मित्रों का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हुई. कृषक मित्र संघ के बैनर तले जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आये कृषक मित्रों ने कचहरी परिसर में भूख हड़ताल शुरू की ह कार्यक्रम […]
मेदिनीनगर : उचित मानदेय देने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर कृषक मित्र चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार से कृषक मित्रों का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हुई. कृषक मित्र संघ के बैनर तले जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आये कृषक मित्रों ने कचहरी परिसर में भूख हड़ताल शुरू की ह कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री के नाम छह सूत्री मांग पत्र पलामू उपायुक्त को सौंपा गया.
इसमें कहा गया है कि कृषक मित्रों के कार्यों को देखते हुए उचित मानदेय का भुगतान किया जाये, कृषि विभाग के तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय पदों पर कृषक मित्रों को उनके अनुभव के आधार पर नियुक्त किया जाये, वर्ष-2016-17 के फसल बीमा के बकाया राशि का भुगतान किया जाये.
कृषि विभाग की संचालित सभी योजनाओं में कृषक मित्रों को जवाबदेही दी जाये. वर्ष-2016 में बिना कारण के हटाये गये सभी कृषक मित्रों की सेवा बहाल की जाये तथा 2016-17 में फसल बीमा कराने के बदले कृषक मित्रों को दस रुपये प्रति फार्म देने की घोषणा के अनुरूप बकाये राशि का भुगतान किया जाये. भूख हड़ताल के दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संघ के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार दुबे ने कहा कि कृषक मित्र पिछले आठ वर्षों से विभाग एवं किसानों के बीच एक कड़ी के रूप में पूरी सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं.
कृषि विभाग के योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है.लेकिन मजदूरी के नाम पर प्रतिदिन 16 रुपये दिये जाते हैं. यह सोचने की जरूरत है कि इतने कम मजदूरी में कैसे काम किया जा सकता है. फिर भी कृषक मित्र सक्रिय है. इतना ही नहीं विभागीय पदाधिकारी के कोपभाजन का शिकार कृषक मित्रों को बनना पड़ता है. 2016-17 में खरीफ फसल का बीमा कराये जाने के बाद भी किसानों को बीमित राशि का भुगतान नहीं हुआ.
राजद के जिलाध्यक्ष शंकर यादव ने कृषक मित्रों की मांगों को जायज ठहराते हुए भाजपा सरकार से मांग की है कि इनके हितों की रक्षा के लिए सरकार गंभीर हो. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आय दो गुनी करने की बात कहती है. लेकिन कृषक मित्र की हालत को देखने वाला कोई नहीं है. कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन किसानों के साथ मिलकर काम करने वाले कृषक मित्र को उचित मजदूरी भी नहीं मिल रही है.
ऐसी स्थिति में आंदोलन करना स्वाभाविक है. मौके पर अजय कुमार सिंह, बाबूलाल मेहता, राजेश मिश्रा, राजीव मेहता, मंदीस चंद्रवंशी आदि मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता रोशन सिंह व सुरेंद्र सिंह ने की. संचालन तनवीर आलम ने किया.
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