चैनपुर(पलामू) : गोरे बलहिया गांव में रह रहे आदिम जनजाति परिवार की स्थिति दयनीय है. उन्हें न तो इलाज की समुचित व्यवस्था मिल पा रही है और न ही योजनाओं का सही तरीके से लाभ. इस तथ्य को चैनपुर बीडीओ विपिन कुमार दुबे ने भी स्वीकार किया.
कहा कि आदिम जनजाति समुदाय के कोरवा जाति को बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए प्रशासन की ओर से सक्रियता के साथ कार्य किया जायेगा. पूर्व में क्या हुआ, इस बात को कुरेदे बिना उनका प्रयास होगा कि सरकार द्वारा जो भी योजना चलायी जा रही है, उसका सीधा लाभ इन तक पहुंचे. मालूम हो कि गोरे बलहिया गांव में एक ही परिवार के दो सदस्य की मौत एक ही दिन हो गयी थी.
इस खबर को सोमवार को प्रभात खबर ने प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ. सोमवार को बीडीओ श्री दुबे स्वास्थ्य विभाग के डॉ राजेश केसरी के साथ गांव पहुंचे. लोगों ने बताया कि पूनम कुमारी व उसके दादा गुडल कोरवा की मौत एक ही दिन हो गयी थी. पूनम का पिता प्यारी कोरवा मुंबई में काम करता था. खबर सुनकर वह सोमवार को ही वह लौटा है.
गांव में मातम का माहौल है. बीडीओ ने कहा कि गांव में जल्द ही स्वास्थ्य शिविर लगाया जायेगा. इसे लेकर वह प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी से बात करेंगे. साथ ही प्रभावित परिवार को दो दिन के अंदर सरकारी सहायता उपलब्ध करा दी जायेगी.