प्रतिनिधि, पाकुड़ बैसाखी पर्व के अवसर पर रविवार को हरिणडांगा बाजार स्थित गुरुद्वारा में विशेष पाठ व लंगर का आयोजन किया गया. इस दौरान सिख समुदाय के लोगों ने सुबह से ही गुरुद्वारे में माथा टेककर गुरु का आशिर्वाद लिया. गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष रंजू सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे में बैसाखी का पर्व सिख धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 1699 में इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. यह दिन सिखों के नववर्ष की शुरुआत और फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है. इसलिए इस दिन गुरुद्वारों में विशेष पूजा, अरदास और कीर्तन का आयोजन किया जाता है. बैसाखी से सिखों का नववर्ष शुरू होता है. इस दिन गुरुद्वारे में विशेष अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है वहीं लोगों को प्रसाद स्वरूप लंगर खिलाया जाता है. बैसाखी को फसल कटाई के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है, जो किसानों की खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है. मौके पर गुरुद्वारा कमेटी की ओर से गुरुभेज सिंह, कुलदीप सिंह, रवींद्र सिंह, रोमी सिंह, प्रेम सिंह, पूनम कौर, मनजीत कौर, कुलबीर कौर, सिम्मी कौर, गगन सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
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