पाकुड़. केकेएम कॉलेज के बहुउद्देशीय भवन में शुक्रवार को 18वां संताली साहित्य दिवस मनाया गया. इसका आयोजन संताली साहित्य समिति की ओर से किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर जुगल किशोर झा, बीडीओ समीर अलफ्रेड मुर्मू, महिला कॉलेज की प्रो. दसमत किस्कू, माया सिंह, शकुंतला मुंडा, शिव प्रसाद लोहरा शामिल रहे. इस दौरान संताली साहित्य दिवस पर प्रकाश डाला गया. आदिवासी छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. अतिथियों ने कहा कि संताली साहित्य दिवस का प्राचीन इतिहास है. आदिवासी समाज को इतिहास के बारे में जानना चाहिए. सभ्यता-संस्कृति को बचाने की जरूरत है. कहा कि संताली साहित्य को बचा कर ही आदिवासी समाज आगे बढ़ सकता है. हालांकि आदिवासी समाज उत्थान की ओर बढ़ रहा है. आदिवासी बच्चे व बच्चियां शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं. समाज को आगे बढ़ाने का काम जारी है. मौके पर कमल मुर्मू, शिवानी मुर्मू,बबीता मुर्मू पिंकी मररांडी, संतोष मरांडी, नवीन हांसदा, शिव टुडू, मशीह मरांडी, जन जंतु सोरेन, जय सेन सोरेन, दिनेश टुडू, कुणाल बास्की, सनत सोरेन, हेमंत हेंब्रम, विजय कुमार टुडू, सुनील कुमार हेंब्रम, प्रवीण मरांडी, बेना टुडू, प्रेमलता हेंब्रम, शांति सोरेन आदि मौजूद थे.
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