महेशपुर. महेशपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित हरिजन टोला में रखाल काली मंदिर में मां काली की पूजा पिछले 72 वर्षों से की जा रही है. इस वर्ष 20 अक्तूबर को मां काली की पूजा-अर्चना की जाएगी. रखाल काली की पूजा की शुरुआत सन 1952 में हुई थी. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि रखाल (चरवाहा) हरिजन नामक चरवाहा द्वारा इसी स्थान पर मां काली की प्रतिमा अपने हाथ से बनाकर पूजा की गयी थी. उसके बाद रखाल के मालिक भोलानाथ रविदास द्वारा पूजा की जाने लगी. वहीं वर्तमान में भोलानाथ रविदास के पोता अशोक रविदास, संतोष रविदास एवं मंदिर के सेवक संजय रविदास, संजीव रविदास, राज रविदास, राजीव रविदास ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना सन 1953 में हुई थी. इस वर्ष 72 साल पूरा हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज को स्वप्न के द्वारा मां शक्ति ने अपनी पूजा करवाने की बात कही थी और ग्रामीणों का कल्याण करने को कहा गया. इसके बाद उनके पूर्वजों द्वारा मां रखाल काली की प्रतिमा स्थापित कर मां की पूजा की जाने लगी. वर्तमान में उनके वंशजों द्वारा मां काली की पूजा काफी धूमधाम से की जाती है. बताते चलें कि इस मंदिर की परंपरा है कि स्थापित प्रतिमा को एक साल तक मंदिर में रखा जाता है और काली पूजा के दिन पुरानी प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है. साथ ही मां की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए नगर भ्रमण नहीं कराया जाता है. मां की प्रतिमा को मंदिर के पास बांसलोई नदी में ही विसर्जित किया जाता है.
भक्तों की होती है मुरादें पूरी :
मां रखाल काली मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भक्तों की भीड़ जुटती है. मंदिर परिसर में काफी संख्या में दूरदराज से भक्त मां के दर्शन करने एवं मन्नतें मांगने पहुंचते हैं. जब भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती है, तो मां रखाल काली मंदिर में बकरे की बलि देकर श्रद्धालु मां को खुश करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

