पाकुड़िया. प्रखंड के बासतकुंडी पंचायत अंतर्गत बर्ड फ्लू प्रभावित गांव सोमवार को सैनिटाइजेशन कार्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, पर उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. नाराज ग्रामीणों ने गांव में रोकथाम संबंधी किसी भी कार्य को करने से रोक दिया और अपनी समस्याओं के समाधान की मांग उठाई. ग्रामीणों का कहना था कि गांव में पानी की घोर किल्लत है और अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तब तक वे किसी भी प्रकार के प्रशासनिक कार्य को नहीं होने देंगे. टीम करीब 10 बजे गांव पहुंची थी. टीम ने दो घंटे तक ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. ग्रामीणों का कहना था कि स्वास्थ्य सुविधाएं अपनी जगह सही हैं, लेकिन जीवन के लिए सबसे जरूरी पानी की समस्या पहले हल होना चाहिए. लगातार समझाने के बावजूद जब ग्रामीण अपनी मांगों से पीछे नहीं हटे, तो स्वास्थ्य विभाग की टीम को आखिरकार गांव से वापस लौटना पड़ा. प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी अनिल कुमार बताया कि सैनिटाइजेशन कार्य को लेकर टीम गयी थी. पर ग्रामीण ने कार्य का विरोध किया. ग्रामीण गांव में पानी जैसी समस्या दूर कराने की मांग कर रहे थे. बीडीओ सोमनाथ बनर्जी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी पर ग्रामीणों के द्वारा विरोध करने पर बिना छिड़काव किये ही वापस लौट गई. ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भरत भूषण भगत ने बताया कि गांव का स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सर्वे कराया गया है. किसी व्यक्ति में वैसा कोई लक्षण नहीं पाया गया है. छिड़काव के लिए गांव के लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है.
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