रंग-गुलाल व भाईचारे का पर्व होली आज
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रंगोत्सव . जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में होली को लेकर उत्साह
रंग-गुलाल व भाईचारे का पर्व होली आज होली त्योहार को लेकर बच्चे, बूढ़े सभी रंग की मस्ती में चूर हैं. एक दिन पहले से ही बच्चों के हाथों में पिचकारी दिखने लगी है. बाजार में इस बार बच्चों के लिए मिक्की माऊस, छोटा भीम, डोरेमोन आदि मुखौटे आये हुए हैं. जो खासे पसंद किये जा […]
होली त्योहार को लेकर बच्चे, बूढ़े सभी रंग की मस्ती में चूर हैं. एक दिन पहले से ही बच्चों के हाथों में पिचकारी दिखने लगी है. बाजार में इस बार बच्चों के लिए मिक्की माऊस, छोटा भीम, डोरेमोन आदि मुखौटे आये हुए हैं. जो खासे पसंद किये जा रहे हैं.
महेशपुर : नाच-गान, सूखे व गीली रंगों की होली और डीजे की धूम होली की पहचान है. हां अब परंपरागत रंगों की जगह रासायनिक रंगों ने ले लिया है. चिकित्सकों की माने तो ये रंग बच्चों व महिलाओं के लिए नुकसानदेह है. बावजूद इसके ऐसे रंग तथा अबीर-गुलाल का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है.
क्या है चिकित्सक की राय
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महेशपुर के आयुष चिकित्सक डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि ऐसे रंगों के प्रयोग से बच्चों तथा महिलाओं के त्वचा पर प्रतिकूल असर पड़ता है. एलर्जी होने की अधिक संभावना रहती है. इतना ही नहीं आंख, कान, नाक जैसे संवेदनशील जगहों पर ऐसे रंग या गुलाल का बुरा प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे रंगों के प्रयोग से बचना ही हितकर है.
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