दागी नेताओं के मामले में कांग्रेस कर रही नाट्कीय राजनीति
पाकुड़ : भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस दोनों दल कारपोरेट घराने की राजनीति कर रही है. खाद्द सुरक्षा बिल, गरीबों व मध्यमवर्गीय लोगों के बीच असुरक्षा वाला विधेयक है. दागी नेताओं को बचाने के लिए केंद्र की यूपीए सरकार ने अध्यादेश लाकर संसदीय प्रणाली की अवमानना की है. कांग्रेस देश में नाटकीय राजनीति कर रही है.
देश में नेता नहीं वरण नीति बदलने की जरूरत है. यह बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जोनल कमेटी की बैठक में भाग लेने पहुंची पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने पत्रकार सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार महंगाई वाली सरकार है.
कहा कि दागी नेताओं के मामले में कांग्रेस ने अध्यादेश लाकर संसदीय प्रणाली की अवमानना की है और जब चारों ओर से उसके इस घिनौने प्रयास की निंदा होने लगी तो नाटकीय राजनीति के तहत कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने बयान देकर अपने ही सरकार की किरकिरी की. कहा कि रिटायर्ड जनरल बीके सिंह द्वारा उठाये गये सवालों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की कमजोरी की वजह से मुजफ्फरनगर में दंगा फैला. उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोगों ने मुजफफरनगर में किसानों के बीच खाई पाटने का काम किया.
पश्चिम बंगाल में महिला अत्याचार अन्य राज्यों की तुलना में बढ़ा है. उन्होंने कहा कि परिवर्तन के नाम पर तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनायी लेकिन आज ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी कि लोग पश्चिम बंगाल सरकार में बदलाव चाह रहे हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर भी दिखेगा. उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा राइट टू रिजक्ट के फैसले का स्वागत किया. मौके पर पार्टी के झारखंड प्रभारी मदन घोष, राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी आदि मौजूद थे.