किस्को. किस्को प्रखंड क्षेत्र में प्रकृति पर्व करमा को लेकर उत्साह का माहौल है. जगह-जगह पूजा स्थलों और अखाड़ों में करमा पर्व की सौंदर्यता देखने को मिल रही है. वाद्य यंत्रों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की थाप में पूरा प्रखंड डूबा हुआ है. ग्रामीण पारंपरिक गीत-संगीत के साथ करम डाली काटने और पूजा स्थलों तक पहुंचने के लिए निकल रहे हैं. बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए करम देव की पूजा कर रही हैं. वहीं किसान अच्छी पैदावार और समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं. करमा पर्व को भाई-बहन के अटूट प्रेम और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक माना जाता है, इसीलिए हर वर्ग के लोग इस पर्व में पूरी तरह से जुटे हुए हैं. पूजन के बाद रातभर पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य-गान का आयोजन किया जा रहा है. ढोल-नगाड़ों की थाप और लोकगीतों की गूंज ने पूरे वातावरण को भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना दिया है. लोग रीति-रिवाजों का पालन करते हुए अपनी संस्कृति से जुड़ने पर गर्व महसूस कर रहे हैं. मौके पर रंथू उरांव, नंदकिशोर उरांव, सूरज वर्मा, शानवी कुमारी, आरव कुमार, रघुनाथ उरांव, लक्ष्मण उरांव, विशेश्वर उरांव, दीपक उरांव, रामचंद्र उरांव सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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