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जलमीनार से नही मिल पा रहा ग्रामीणों को पानी

कैरो प्रखंड में सरकार की हर घर नल जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. संवेदक और अधिकारियों की मिली भगत से यह योजना धरातल पर उतरने के पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है.

कैरो. कैरो प्रखंड में सरकार की हर घर नल जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. संवेदक और अधिकारियों की मिली भगत से यह योजना धरातल पर उतरने के पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है. पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की चुप्पी इन आरोपों को और बल देती है. प्रखंड में घोर जल संकट उत्पन्न हो गया है. जनता परेशान हो रही है और अधिकारी चैन की बंशी बजा रहे हैं. लोहरदगा जिला अंतर्गत कैरो प्रखंड मुख्यालय में 1 करोड़ 11 लाख से बनी जलापूर्ति योजना आज धूल फांक रही है. जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. इंसान के जीवन में अगर सबसे ज्यादा किसी चीज की जरूरत होती है तो वह है पानी की, जो सुबह उठने के साथ शुरू होती है और सोने तक हर समय इसकी जरूरत होती है. शायद इसी बात की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा हर घर जल नल योजना लेकर आयी होगी किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि प्रखंड प्रखंड मुख्यालय सहित, प्रखंड क्षेत्र के खरता सहित अन्य और गांव हैं जहां पर मीनार तो बनकर खड़ी हो चुकी है, किंतु ऊपर से नीचे तक और संवेदक से लेकर विभाग तक के मिली भगत के कारण कहीं पुराने चापाकल पर ही मशीन लगा के फोटो खिंचवाने का काम हो रहा है तो कहीं मीनार बनने के साथ ही इसकी गुणवत्ता सबके सामने दिखाई दे रही है.बिल्कुल ही घटिया काम किया जा रहा है. जबकि काम से ज्यादा की राशि का भुगतान संवेदक को कर दिया गया है. कुछ ऐसा ही मामला खरता, दुमरटोली, टाटी इत्यादि का है जंहा के ग्रामीण सोमा उरांव, मनिया उरांव, सनिया उरांव, बुलु महतो, विजय उरांव, कृष्णा उरांव सहित दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि इस भीषण गर्मी में अगर पानी सप्लाई नहीं होगा तो इसके बनने और न बनने का क्या फायदा, इतना ही नही ग्रामीणों का कहना है कि जब नया बोरिंग कर ही इसका निर्माण किया जाना था तो फिर पुराने चापाकल में मशीन लगाने का क्या मतलब है जबकि पुराने समय का चापाकल महज ही 150 फीट के करीब खुदाई होता था.इतना ही नहीं, जो पुराना चापाकल है उससे पानी के लिए न सोलर की जरूरत है न ही बिजली की, हर समय उसका उपयोग किया जा सकता है किंतु इसमें जलमीनार का मशीन लगने से ग्रामीणों को पीने का पानी के लिए भी परेशानी समस्या उतपन्न होने लगी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जेइ सुमन खलखो का कहना है पानी चालू करने का निर्देश दिया गया है ताकि इसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके.इधर ग्रामीणों में सरकारी अधिकारी विभाग और संवेदक के प्रति रोष व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि शायद लोहरदगा जिला और कैरो प्रखंड में अधिकारी ठेकेदार और संवेदक मिले हुए हैं, जिस कारण सबकी आंखों के सामने खेला होता है. इसके बावजुद न ही कोई कार्रवाई होती है और न ही विकास काम आगे बढ़ता है.

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