लोहरदगा़ लोहरदगा गुमला ट्रक ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कंवलजीत सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें राज्य सरकार, सचिव सह आयुक्त परिवहन विभाग, उप परिवहन आयुक्त एवं डीटीओ लोहरदगा को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने कंपोजिट यूजर्स शुल्क के रूप में प्रति चालान 1200 रुपये लगाने का जो निर्देश दिया है, वह पूरी तरह गलत और गैरकानूनी है. जिम्मस पोर्टल पर यह दिखाया गया था कि 1200 रुपये भुगतान करने पर ही चालान निकलेगा. कुछ दिनों तक तो भुगतान करने के बाद भी चालान जारी नहीं हो रहा था. कंवलजीत सिंह का कहना है कि खनन कार्यों से संबंधित परमिट जारी करने के लिए 1200 रुपये का शुल्क जिम्मस पोर्टल पर जोड़ दिया गया है. यह शुल्क बिना किसी वैध अधिसूचना के लगाया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार को इस तरह एकतरफा शुल्क लगाने का कोई अधिकार नहीं है. खनन विभाग द्वारा लगाया गया यह शुल्क अवैध है और उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने सवाल उठाया कि चाहे भारी वाहन हो जो 45-48 टन माल ढोते हैं या छोटे 9.5 टन क्षमता वाले ट्रक, सभी पर समान 1200 रुपये शुल्क लगाया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है. प्रार्थी ने उच्च न्यायालय से मांग की है कि इस यूजर्स चार्ज को लागू नहीं होने दिया जाये. साथ ही एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि 15 वर्षों से पुराने व्यावसायिक वाहनों को दक्षिण छोटानागपुर एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में रोड परमिट नहीं दिया जा रहा है. इस मामले को लेकर भी इस सप्ताह हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जायेगी.
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