लोहरदगा़ लोहरदगा से होकर गुजरने वाली एनएच 143 ए का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. जगह-जगह अधूरी सड़कों के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हिरही के पास सड़क अधूरी है, कुड़ू में सड़क बनी ही नहीं है. शहरी क्षेत्र के महिला कॉलेज के पास सड़क पर गड्ढे हो गये हैं, वहीं, पुराना शुक बाजार के पास खतरनाक गड्ढा हादसों को दावत दे रहा है. सेन्हा नवोदय विद्यालय मोड़ और भड़गांव के पास भी सड़क अधूरी छोड़ दी गयी है, जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसके बावजूद विभागीय अधिकारी खामोश हैं. जिले के वरीय अधिकारी भी इन्हीं सड़कों से गुजरते हैं लेकिन ठेकेदारों और विभागीय लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करते. बैठकों में सिर्फ कहा जाता है कि योजनाओं को तय समय में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करें, लेकिन बातें कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं. इस मुद्दे पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है. सामाजिक विचार मंच के संयोजक कंवलजीत सिंह ने कहा कि विकास योजनाओं को अधूरा छोड़ना यहां की परिपाटी बन गयी है. जिले के नये उपायुक्त से काफी उम्मीदें हैं. सामाजिक कार्यकर्ता राजेश महतो का कहना है कि अधिकारियों को निर्माण कार्य को अबिलंब पूरा कराना चाहिए. मुक्तिधाम समिति के मनोज कुमार गुप्ता मन्ना ने ठेकेदार की लापरवाही और विभागीय संरक्षण को जिम्मेदार ठहराया. लोहरदगा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि लोहरदगा में विकास के नाम पर जनता को धोखा दिया जा रहा है. सड़कें विकास का आईना होती है लेकिन यहां की सड़कों को देखकर विकास की हकीकत का पता चलता है. सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जायसवाल ने कहा कि एनएच 143 ए रांची से मुंबई को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है. इसकी दयनीय स्थिति देखकर तकलीफ होती है और बाहर से आने वालों के मन में लोहरदगा की गलत छवि बन रही है.
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