किस्को़ उम्र की थकान के बीच समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो अपने जीवन की दूसरी पारी को समाजसेवा, संस्कृति और युवाओं के मार्गदर्शन में समर्पित कर रहे हैं. किस्को प्रखंड के कई बुजुर्ग अपनी सेकेंड इनिंग को सपनों और सेवा भाव से साकार कर समाज के लिए प्रेरणा बन गये हैं. उनकी कहानियां यह साबित करती हैं कि जीवन का दूसरा चरण भी उतना ही सक्रिय और सार्थक हो सकता है जितना पहला. नवाडीह निवासी 85 वर्षीय रामायण साहू, मेरले निवासी 70 वर्षीय सुंदरू साहू, जनवल के 65 वर्षीय जयपाल उरांव, 70 वर्षीय जेरका महतो और जोरी निवासी 80 वर्षीय राजू वर्मा ने यह दिखा दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है. जुनून और सेवा भावना से जीवन की दूसरी पारी को भी शानदार बनाया जा सकता है. समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय : समाजसेवा में सक्रिय सुंदरू साहू युवाओं को धार्मिक कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं. वे कीर्तन, भंडारा, रामनवमी, शिवरात्रि और दुर्गा पूजा जैसे आयोजनों में सक्रिय रहते हैं. बड़चोरगाई शिव-पार्वती धाम के विकास में उनका योगदान उल्लेखनीय है. जरूरतमंदों की मदद और दान देने में अग्रणी : रामायण साहू भी सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं. वे क्षेत्र में जरूरतमंदों की मदद करने और दान देने में अग्रणी हैं. उनके कार्यों से प्रेरित होकर कई लोग अब समाजसेवा में जुड़ रहे हैं. छठ पूजा पर उनके नेतृत्व में मेरले निवासी नरेश साहू ने पूजन सामग्री वितरित की. लोगों को करते हैं जागरूक : जयपाल उरांव युवाओं को नशे से दूर रहकर खेलकूद अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं. वे चौक-चौराहों पर लोगों को जागरूक करते हैं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि समाज के लिए कार्य करना सुखद अनुभव है और हर उम्र में समाजसेवा संभव है. पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं : राजू वर्मा 80 की उम्र में भी हर सुबह पक्षियों को दाना डालते हैं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. उनका कहना है कि सभी जीवों का संरक्षण आवश्यक है और हर व्यक्ति को प्रकृति व जीव-जंतुओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. इन बुजुर्गों की जीवनशैली यह संदेश देती है कि सेवा, संस्कार और संकल्प से भरा जीवन उम्र की सीमाओं को पार कर जाता है.
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