लोहरदगा़ लोहरदगा शहरी क्षेत्र की सड़कों की बदहाल स्थिति से लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं. मुख्य पथ पावरगंज से मिशन चौक तक जो सड़क नगर परिषद द्वारा बनवायी गयी थी, वह महज दो वर्षों में ही जर्जर हो चुकी है. जगह-जगह बने गड्ढों में बारिश का पानी भर जाता है जिससे दुर्घटनाएं आम हो गयी है और लोग लगातार परेशान हैं. निर्माण के समय ही नागरिकों ने अनियमितता की शिकायत प्रशासन से की थी, लेकिन ध्यान नहीं देने का नतीजा आज सबके सामने है. कुछ ही महीनों में यह सड़क बर्बाद हो गयी और जनता की गाढ़ी कमाई पर पानी फिर गया. इसी तरह ईस्ट गोला रोड, जो शहर की प्रमुख व्यापारिक मंडी कही जाती है, उसकी हालत भी खराब है. बदला रोड और धोबी गली में लंबे समय से जलजमाव की समस्या है. लूथरन मिशन के पास की सड़क भी खतरनाक हो चुकी है. पावरगंज चौक पर सड़क किनारे दो फीट गहरे गड्ढों में गिरकर कई लोग घायल हो चुके हैं, यहां तक कि एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. नेशनल हाइवे का निर्माण भी घटिया स्तर पर हुआ है. कुड़ू से घाघरा तक बीकेएस इंफ्रा द्वारा बनाये जा रहे मार्ग का हाल यह है कि एक ओर निर्माण हो रहा है तो दूसरी ओर सड़क उखड़ रही है. निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. महिला कॉलेज के पास सड़क में गड्ढे बड़े हादसों को आमंत्रित कर रहे हैं. शहर की अन्य सड़कों और मोहल्लों की गलियां भी दयनीय स्थिति में हैं. कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उपायुक्त का निर्देश भी ठंडे बस्ते में : पिछले दिनों उपायुक्त ने बैठक कर नगर परिषद को निर्देश दिया था कि गड्ढों को तत्काल भरा जाये, लेकिन डीसी के र्निदेश का अनुपालन नहीं हुआ. आदेश हवा में उड़ गये. सरकार की ओर से भी निर्देश जारी हुए, पर स्थिति जस की तस है. सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें भी बेअसर : सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें सांसद सुखदेव भगत की अध्यक्षता में होती हैं, लेकिन उनमें उठाये गये मुद्दों का अनुपालन नहीं होता. सवाल यह है कि जब सड़कें ही सुरक्षित नहीं हैं तो जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी.
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