कुड़ू़ प्रखंड के माराडीह गांव में अविराम ग्रामीण विकास स्वयंसेवी संस्थान द्वारा मत्स्य पालकों को सहज और सुलभ तरीके से मछली का जीरा उपलब्ध कराने के लिए मत्स्य ब्रीडिंग कार्य की शुरुआत की गयी है. ब्रीडिंग के एक माह बाद किसानों को मछली का जीरा मिलने लगेगा. शनिवार को संस्थान के सचिव इंद्रजीत कुमार भारती ने रोहू, कतला, मृगल, मीनरकर और ग्रास कार्प समेत अन्य प्रजातियों की मछलियों की ब्रीडिंग प्रक्रिया आरंभ की. ब्रीडिंग के पहले सप्ताह तक मछलियों की सतत निगरानी की जायेगी. इसके बाद अंडों से जीरा निकालने की प्रक्रिया की जायेगी. अविराम संस्थान में विभिन्न प्रजातियों के मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है. इस वर्ष लगभग चार करोड़ मछली जीरा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. संस्थान झारखंड में मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में विगत 25 वर्षों से अग्रणी भूमिका निभा रहा है. वर्तमान में चार करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है़ हाइटेक विधियों से तैयार मत्स्य जीरा गुमला, पलामू, लातेहार, सिमडेगा, रांची, खूंटी सहित लोहरदगा जिले के सभी सात प्रखंडों में अनुदानित दर पर वितरित किया जाता है. इससे लगभग दस हजार किसानों को सीधा लाभ मिलता है. यह मछली पालन उनके जीवन स्तर और आजीविका सुधार में महत्वपूर्ण योगदान देता है. संस्थान में मृगल, रोहू, कतला, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प और काल वासु जैसी प्रजातियों के जीरे का वैज्ञानिक उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही सफल प्राउन कल्चर की भी शुरुआत की जा रही है. सचिव इंद्रजीत कुमार भारती खुद मत्स्य उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी करते हैं. वे मछलियों को इंजेक्शन देने से लेकर तापमान नियंत्रण तक की पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रहते हैं. संस्थान जरूरतमंदों को निःशुल्क मत्स्य बीज भी उपलब्ध कराता है.
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