लोहरदगा़ अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ, दिल्ली के निर्णय के आलोक में राष्ट्रीय मेगा मांग दिवस पर लोहरदगा जिला पेंशनर समाज की बैठक पेंशनर भवन में हुई. बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक लालमोहन प्रसाद केसरी ने की. इस दौरान महासंघ के राष्ट्रीय सचिव महेश सिंह सांवरिया की ओर से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त डॉ कुमार ताराचंद को सौंपा गया. ज्ञापन में कहा गया कि 1978 में 44वें संविधान संशोधन के माध्यम से जनता पार्टी सरकार ने संपत्ति के मौलिक अधिकार को अनुच्छेद 300ए के तहत न्यायिक अधिकार बना दिया. इससे पेंशन का अधिकार भी प्रभावित हुआ, जो अनुचित है. यह निर्णय बुजुर्गों के विरुद्ध एक प्रकार का काला कानून है. सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने जीवन के 30 से अधिक वर्षों तक समाज, परिवार, विभाग और देश की सेवा करते हैं. लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद यदि उन्हें पेंशन नहीं मिलती, तो वे असहाय हो जाते हैं. पेंशन के अभाव में वे वृद्धा आश्रमों में जीवन बिताने को विवश हैं. ऐसे में केंद्र सरकार से मांग की गई कि पेंशन को पुनः मौलिक अधिकार के रूप में लागू किया जाए. अन्यथा पेंशनर्स सड़क से संसद और अदालत तक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस मौके पर उपायुक्त डॉ. कुमार ताराचंद ने पेंशनर्स से अपील की कि वे जहां शिक्षक की कमी है, वहां स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने में सहयोग करें. आवश्यकता होने पर प्रशासन की ओर से पत्र जारी किया जाएगा. इस पर पेंशनर समाज ने आभार व्यक्त किया. बैठक में महेश कुमार सिंह, प्रताप नारायण सिंह, किशोर कुमार वर्मा, मोहन मिंज, हरिमोहन सिंह, जुमन अली, मोबीन अंसारी, वरदानी वेक, देवमनी कुमारी, मेझरेन कुजूर, तेरेसा तिर्की सहित कई सदस्य उपस्थित थे.
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