कुड़ू़ अविराम कॉलेज ऑफ एजुकेशन में बुधवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से आये सैनिक स्कूल के पूर्व प्राचार्य अनिल कुमार अंबष्ठ, शिक्षिका रंजना सिन्हा, आशा और सुनील कुमार का स्वागत किया गया. काॅलेज के सचिव इंद्रजीत कुमार भारती ने सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ, शॉल, स्मृति चिह्न और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. इंद्रजीत कुमार भारती ने अविराम द्वारा शिक्षा की दिशा में किये जा रहे कार्यों से अतिथियों को अवगत कराया और उनका अभिनंदन किया. गेस्ट लेक्चर में प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि आनंदपूर्ण अधिगम, समावेशी शिक्षा और साम्वेगिक समझदारी आज के शिक्षा तंत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकता है. प्राचीन काल में विद्यार्थी के पांच लक्षण बताये गये थे, जो आज भी अनुकरणीय हैं. उन्होंने कहा कि हम जीवनपर्यंत सीखते हैं और शिक्षा हमें विनम्र बनाती है. एक अच्छा अधिगमकर्ता एक अच्छा अवलोकनकर्ता भी होता है. उन्होंने कहा कि आज के समय में हम सोशल मीडिया के हाथ की कठपुतली बनते जा रहे हैं, जबकि शिक्षा हमें बुद्धि का विवेकपूर्ण उपयोग सिखाती है. किसी भी पोस्ट को सोच-समझकर साझा करने की जरूरत है. शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति और राष्ट्र का विकास संभव है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी तक सुलभ हो, यही समय की मांग है. मौके पर विभागाध्यक्ष जंगबहादुर, रेणुका, ममता, पवन, पंकज, चिनिबास, तबस्सुबम, शशि, आरती, अमृत सहित अन्य प्रशिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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