लोहरदगा़ बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित 30 दिवसीय आवासीय महिला वस्त्र दर्जी प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया. समापन समारोह में प्रशिक्षण पूरा करने वाली सभी 26 ग्रामीण महिलाओं को प्रमाण पत्र दिया गया. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को टेलरिंग कौशल प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी एवं उद्यमी बनाना है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें. समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरसेटी निदेशक सुरेश भगत ने कहा कि संस्थान से प्रशिक्षण लेने वाली सभी दीदियों को अगले दो वर्षों तक निरंतर तकनीकी एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन दिया जाता है. आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बैंकों से वित्तीय सहायता भी दिलायी जाती है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये 26 महिलाएं न केवल कुशल दर्जी बनी हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और स्वरोजगार की प्रबल भावना भी जागृत हुई है. जेएसएलपीएस के जिला प्रबंधक कौशल विपिन चंद्र ने प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामना देते हुए टेलरिंग एवं गारमेंट क्षेत्र में अपार रोजगार एवं उद्यमिता की संभावनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने महिलाओं से अपने कौशल का उपयोग कर शीघ्र स्वरोजगार शुरू करने का आह्वान किया. प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को सिलाई के साथ-साथ उद्यमिता विकास, डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता, बाजार प्रबंधन, जोखिम एवं समय प्रबंधन का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया गया. प्रशिक्षिका मीना देवी के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण संपन्न हुआ. प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षित महिलाओं ने उत्साह के साथ कहा कि वे बहुत जल्द अपना सिलाई केंद्र या बुटीक शुरू करेंगी और अपनी आजीविका खुद अर्जित करेंगी. कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वयक राजीव कुमार एवं संकाय सदस्य दीपक कुमार सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे. बैंक ऑफ इंडिया आरसेटी लोहरदगा ग्रामीणों को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है.
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