लोहरदगा : जिले में नाम मात्र की बारिश होने से किसान भयभीत एवं परेशान हैं. बिचड़ा लगभग तैयार है. लोग अपने-अपने खेतों की जुताई भी पहले ही कर चुके हैं. रोपा पूर्व मेढ़ बनाने का काम अधिकांश किसानों ने कर रखा है, ताकि वर्षा होते ही रोपनी कार्य शुरू कर सकें. लेकिन बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. किसानों को डर है कि यदि समुचित वर्षा नहीं हुई तो अकाल का दंश ङोलना पड़ सकता है. किसान बताते हैं कि आषाढ़ माह से ही एक नंबर खेतों में रोपनी आरंभ कर दी जाती थी, लेकिन इस बार कहीं भी रोपनी नहीं किया जा सका है.
किसान अपने स्तर से अपने खेतों को रोपनी के लायक बना चुके हैं. उन्हें सिर्फ इंतजार है तो वर्षा की. बिचड़ा जलने लगा है. किसान कहीं दूर दराज से पटवन कर बिचड़ा को जिंदा रखे हुए हैं. यदि वर्षा की स्थिति यही रही तो बिचड़ा पीला होकर सूख जायेगा. बिचड़ा लगाने का भी नियत समय है. ज्यादा समय हो जाने के बाद लगाये गये बिचड़े से उत्पादन में कमी आ जाती है. कुछ किसान तो यह भी कह रहे हैं कि अब वर्षा नियमित होने पर भी दो एवं तीन नंबर के खेतों में पूरा रोपनी संभव नहीं हो पायेगा.