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गांव से निष्कासित महिला को नहीं मिला न्याय

भंडरा-लोहरदगा : प्रखंड के जमगांई गांव से डायन के आरोप में निकाली गयी महिला एनोला लकड़ा को अब तक न्याय नहीं मिला है. पीड़ित महिला ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव के पास भी फरियाद की. उन्होंने पीड़िता के आवेदन को कार्रवाई के लिए भंडरा थाना भेज दिया, लेकिन पुलिस इस मामले में चुप्पी […]

भंडरा-लोहरदगा : प्रखंड के जमगांई गांव से डायन के आरोप में निकाली गयी महिला एनोला लकड़ा को अब तक न्याय नहीं मिला है. पीड़ित महिला ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव के पास भी फरियाद की. उन्होंने पीड़िता के आवेदन को कार्रवाई के लिए भंडरा थाना भेज दिया, लेकिन पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है.

पुलिस की चुप्पी के कारण महिला को डायन-बिसाही एवं अन्य आरोप लगा कर गांव से निकालने वाले लोगों को मनोबल बढ़ता जा रहा है. जमगांई के मुखिया के पति मोहन उरांव, पीड़ित महिला के देवर प्रमोद लकड़ा का कहना है कि गांव के पंचायत द्वारा उसे गांव से निकाला गया है. वह गांव में रहेगी या नहीं रहेगी, इस पर विचार भी पंचायत ही करेगा.

इधर जब एनोला लकड़ा अपने घर जमगांई वापस गयी तो लोगों ने उसके घर को बंद कर दिया और उसे अपने ही घर में प्रवेश नहीं करने दिया. पीड़ित महिला परेशान है और तीन बच्चों की मां अपने बच्चों को देखने के लिए भी तरस रही है. क्योंकि गांव वाले उसके दो बच्चों को उससे अलग कर दिये हैं. इससे महिला काफी परेशान है. इधर जानकारों का कहना है कि सारा मामला विधवा महिला की जमीन जायदाद को हड़पने को लेकर है. इस मामले में मुखिया धनेश्वरी देवी का पति मोहन उरांव लीड रोल अदा कर रहा है. न्याय की आस में महिला भटक रही है, लेकिन उसे न्याय के बदले अपमान मिल रहा है. महिला का कहना है कि सब कुछ एक साजिश के तहत हो रहा है. पुलिस पूरे मामले में मूक दर्शक बनी हुई है और किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है.

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