21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दामोदर नद की धारा अविरल रहे, इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत : सुदर्शन भगत

कुड़ू ( लोहरदगा ) : गंगा दशहरा पर दामोदर नद के उदगम स्थल प्रखंड के सलगी पंचायत के चुल्हापानी से लेकर बंगाल के पंचेत तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दामोदर महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने 12 वर्ष पहले शुरू किये गये जागरूकता अभियान सह दामोदर को […]

कुड़ू ( लोहरदगा ) : गंगा दशहरा पर दामोदर नद के उदगम स्थल प्रखंड के सलगी पंचायत के चुल्हापानी से लेकर बंगाल के पंचेत तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दामोदर महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने 12 वर्ष पहले शुरू किये गये जागरूकता अभियान सह दामोदर को प्रदूषण मुक्त करने की मुहिम के तहत गुरुवार को प्रखंड के सलगी में गंगा दशहरा सह बाहरी शौच से मुक्त जिला घोषित होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

गंगा दशहरा के मौके पर आयोजित कार्यक्रम मे बातौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि दामोदर नद की धारा को अविरल रखने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. दामोदर के पानी को जीवन रेखा माना जाता है. कारण दामोदर नद है, जो भगवान विष्णु के उदर से निकली है. सरकार चुल्हापानी समेत सलगी पंचायत को इको फ्रेंडली की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है. गंगा व नर्मदा नदी के तरह दामोदर नद के दोनों तरफ पौधरोपण कर उसे प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है. गंगा का जिस तरह भगवान भोले ने अवतार किया था, उसी तरह दामोदर नद का अवतार भगवान विष्णु ने किया है.

दामोदर नद जहां से गुजरा है वहां कोयले की खान: सुखदेव
विशिष्ट अतिथि विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि दामोदर नद व चुल्हापानी का इतिहास रामायम काल में वणित है. भगवान राम को जब 14 साल का वनवास हुआ था, तब भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण चुल्हापानी पहुंचे थे. माता सीता खाना बनाने के लिए जैसे ही आग जलायी, चुल्हे से पानी की अविरल धारा शुरू हो गयी. यहीं कारण है कि दामोदर नद के उदगम स्थल का नाम चुल्हापानी पढ़ा. दामोदर नद जिन क्षेत्रों से गुजरी है, वहां-वहां कोयला की खान है. नदियों को संरक्षण करने की जरूरत है.
दामोदर नद का इतिहास काफी
पुराना और गौरवशाली है : सरयू राय
विशिष्ट अतिथि सह गंगा दशहरा महोत्सव के मुख्य संयोजक सह राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा दामोदर नद का इतिहास पुराना व गौरवशाली है. नदियों को स्त्रीलिंग माना जाता है, लेकिन दामोदर नद पुलिंग है. भगवान विष्णु के उदर से निकलने वाले नद के पानी का प्रयोग साल 2000 से पहले स्वास्थ लाभ के लिए करते थे. साल 2000 के बाद दामोदर को अौद्योगिक क्षेत्रों, फैक्टरी से निकलने वाले अवशेष ने इतना प्रदूषित कर दिया था कि दामोदर नद का पानी मवेशी पीने लायक नहीं बचा था. लेकिन साल 2004 से दामोदर नद को प्रदूषण मुक्त करने का जो अभियान शुरू हुआ, वह अब साकार हो रहा है. चुल्हापानी से लेकर बंगाल के पंचेत तक 31 स्थानों पर गंगा दशहरा पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. सरकार इस तरफ काम कर रही है.
जिले को विकास के पथ पर ले जाने का हो रहा है प्रयास
उपायुक्त बिनोद कुमार ने कहा कि लोहरदगा जिला बाहरी शौच से मुक्त जिला बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री रघुवर दास के सपनों का प्रदेश लोहरदगा जिला बनने की ओर अग्रसर है. 24 मई से सात जून तक जल संरक्षण दिवस मनाया जायेगा. इसके तहत जल बचाओ अभियान चलेगा. जिले में 50 तालाबों का जीर्णोद्धार होना है. जिले को विकास के पथ पर ले जाने का प्रयास हो रहा है. सभा को कई अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. मंच का संचालन शिक्षक गणेश लाल व धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी शशिधर मंडल ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें